नई दिल्ली। महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में बढ़ोतरी पर चिंता प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र ने लोगों से ‘‘सावधान और सतर्क” रहने तथा लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी क्योंकि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में खासकर महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की स्थिति को ‘‘चिंताजनक” बताया। उन्होंने 15 से 21 मार्च तक नागपुर में लगाए गए लॉकडाउन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम ऐसे हालात में पहुंच रहे हैं जहां (कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए) फिर से ये कदम उठाए गए हैं।”
पॉल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में मामलों में बढ़ोतरी पर हम बहुत चिंतित हैं। इस वायरस को हल्के में नहीं लें। यह अनपेक्षित रूप से आ सकता है। अगर हमें संक्रमण से मुक्त रहना है तो कोविड-19 के संदर्भ में उचित तौर-तरीका, रोकथाम रणनीति अपनाने के साथ टीकाकरण का रास्ता अपनाना होगा।” उन्होंने सलाह दी कि ऐसे जिले जहां पर कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं वहां पर पात्र लोगों के टीकाकरण के काम में तेजी लानी होगी।
दिल्ली और आसपास के इलाके के लिए आगाह करते हुए पॉल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर बढ़ रही है और यही हाल गुरुग्राम, फरीदाबाद और गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद का भी है। उन्होंने कहा, ‘‘सावधान रहें, सतर्क रहें। अब भी बड़ी आबादी के संक्रमित होने का खतरा है। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।”
मामलों में वृद्धि के लिए क्या कोरोना वायरस का बदला हुआ स्वरूप जिम्मेदार है, यह पूछे जाने पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि महाराष्ट्र में मामलों बढ़ोतरी के पीछे यह कारण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वक्त जांच, संक्रमितों के संपर्क का पता लगाने में कमी, कोविड-19 को लेकर उचित तौर तरीका नहीं अपनाने और बड़ा जमावड़ा कारण है।” केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि नागपुर, पुणे, ठाणे, मुंबई, बेंगलुरु शहरी, एर्नाकुलम, अमरावती, जलगांव, नासिक और औरंगाबाद जिलों में कोविड-19 के सबसे ज्यादा उपचाराधीन