रायपुर। देश के कुछ इलाकों में फिर से सिर उठा रहा कोरोना इस साल होली की मस्ती में बाधा पैदा कर सकता है। राज्य के प्रशासनिक गलियारों में होली के दौरान लॉकडाउन लगाने की चर्चा है।
अफसरों में चर्चा है कि होली के दौरान होने वाले मेल-मिलाप से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि लॉकडाउन लगाकर लोगों को बीमारी से बचाने की कोशिश की जाए।
प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। चिंता होली को लेकर है। होली पर लोगों का समूह में एक-दूसरे से मिलना होता है।
रंग-गुलाल खेलने के दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखना संभव नहीं होगा। ऐसे में जिस तरह से राज्य, खासकर राजधानी रायपुर और दुर्ग जिले में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए सख्ती जरूरी है। इधर होली में मस्ती करने वालों ने अभी से रंग-गुलाल, भांग, मस्ती और डांस की तैयारी शुरू कर दी है।
हेल्थ एक्सपर्ट होली के दौरान बच्चों के कोरोना वायरस की चपेट में आने की आशंका जता रहे हैं। स्कूल खुलने के बाद से वैसे भी बच्चों के संक्रमित होने की रफ्तार बढ़ी है। अब तक 50 से अधिक बच्चों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
क्रिकेट मैच से भी खतरा
राजधानी में इस वक्त रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज टूर्नामेंट चल रहा है। इसमें भीड़ जुटने की संभावना है जो कोरोना संक्रमण की बड़ी वजह बन सकती है। जबकि प्रशासन इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। कोविड-19 की गाइडलाइन को दरकिनार कर रोजाना हजारों लोग टूर्नामेंट में मास्क और अन्य सुरक्षा साधनों के बिना ही शामिल हो रहे हैं।
निगम काट रहा है चालान
एक ओर जहां क्रिकेट टूर्नामेंट में सख्ती नदारद है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम शहर में बिना मास्क घुमने वालों का चालान काट रही है। मास्क न पहनने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है।
एक हफ्ते में 3000+ कोरोना पॉजिटिव
बात करें 7 मार्च तक के कुल मरीजों की संख्या 3 लाख 14 हजार 320 रही, जबकि आज 14 मार्च रविवार को कुल मरीज की संख्या बढ़कर 3 लाख 17 हजार 329 हो चुकी है याने केवल सात दिनों में 3009 नए मामले सामने आए। वहीं अगर बात करें एक्टिव पेशेंट की तो पिछले रविवार एक्टिव पेशेंट की संख्या 2820 थी जोकि एक सप्ताह में बढ़कर आज 4006 पहुंच चुकी है। इन सात दिनों के भीतर कुल 32 मौतें हुई और प्रदेश में मौत का कुल आंकड़ा 3890 पहुंच चुका है।