रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साथ ही प्रदेश के हर हिस्से में कोरोना ने तीसरी बार जोरदार तरीके से पांव पसारना शुरू कर दिया है। बीते चार दिनों के सरकारी आंकड़े इस बात को समझने और समझाने के लिए पर्याप्त हैं कि बरती जा रही लापरवाही जीवन को किस खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर सकती है। इसके बावजूद भी यदि हालात की गंभीरता को समझने में चूक की गई, तो उसका दुष्परिणाम ही सामने आएगा। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अब डाॅक्टर भी अपील करने लगे हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सक बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि अभी भी सबको कोरोना अनुकूल व्यवहार करने की जरूरत है। मेकाहारा के पल्मोनरी विशेषज्ञ डाॅ आर के पांडा ने कहा कि अभी के मौसम को देखते हुए मामूली सर्दी, खांसी, बुखार को भी नजरअंदाज न करते हुए कोरोना जांच कराना चाहिए। साथ ही जांच कराने के बाद स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए, जिससे यदि जांच में पाजिटिव आए तो अपने परिवार को इससे खतरनाक महामारी से बचाया जा सके।
डाॅ पांडा ने कहा कि पात्र लोगों को वैक्सीन जरूर लगाना चाहिए। बुजुर्गों को जल्दी ही वैक्सीन लगाना चाहिए ताकि वे सुरक्षा के प्रथम चक्र में आ जाएं । वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क लगाना, भीड़ से बचना और हाथों की सफाई अनिवार्य है। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगाना है। दूसरी डोज के 14 दिन बाद शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित होती है। इसलिए दूसरी डोज लगने के बाद भी कोरोना के अनुकूल व्यवहार करना जंरूरी है।