रायपुर। सीमेंट की कीमतें सोमवार से कम हो जाएंगी और 400 की जगह लोगों को एक बोरी 260 से 280 कीमत पर मिलने लगेंगी। 24 दिन से चल रही ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल रविवार को खत्म हो गई। लगभग सभी बड़ी कंपनियां ट्रांसपोर्टरों को 12 फीसदी तक किराया भाड़ा बढ़ाकर देने को तैयार हो गई हैं। कंपनियों की सहमति के फौरन बाद ट्रांसपोर्टरों ने सीमेंट लोडिंग के लिए ट्रकें प्लांट रवाना कर दी है। दावा किया जा रहा है कि सोमवार को सभी सप्लायरों के पास पर्याप्त मात्रा में सभी सीमेंट कंपनियों का स्टॉक पहुंच जाएगा। लोगों को आसानी से सीमेंट मिलने लगेंगी।
ट्रांसपोर्टरों के अनुसार एक से दो दिन में सप्लाई पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण सीमेंट की जबरदस्त कमी हो गई थी। इस वजह से सीमेंट के दाम अचानक बढ़ गए। खुले बाजार में सीमेंट की एक बोरी की कीमत 400 रु. तक पहुंच गई थी। सोमवार से सप्लाई सामान्य होने के बाद कीमतें फिर 260 से 280 रु. तक में मिलने की संभावना है।
जानकारों के अनुसार जैसे-जैसे सीमेंट की सप्लाई सामान्य होती जाएगी उसकी कीमत कम होने लगेगी। एक बोरी की कीमत 250 रु. से भी कम होने के संकेत हैं। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर सबसे पहले शुक्रवार को श्रीसीमेंट और नोवोको सीमेंट कंपनियों ने ज्यादा भाड़ा देने का प्रस्ताव मान लिया था, लेकिन बाकी कंपनियां अड़ी हुईं थीं। उन्हें राजी करने के लिए शनिवार-रविवार को लगातार मीटिंग हुई।
उसके बाद बाकी सीमेंट कंपनियां भी भाड़ा 12 फीसदी ज्यादा करने को राजी हो गई हैं। रविवार को ट्रांसपोर्टरों की मांग पूरी होने पर उन्होंने परिवहन मंत्री का सम्मान भी किया। शहर में सीमेंट की कमी होने से लोग परेशान हो गए थे। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा था। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद असम दौरे से लौटते ही परिवहन मंत्री अकबर ने तत्काल दोनों पक्षों की बैठक बुलाई। करीब तीन दौर की बैठक के बाद दोनों पक्षों में सहमति बन गई।
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40 मांगे 12 फीसदी में हुए राजी
राजधानी समेत राज्यभर के ट्रांसपोर्टर शुरुआत में 40 फीसदी ज्यादा भाड़ा लेने में अड़े थे। सीमेंट कंपनियों ने इस प्रस्ताव को मानने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद 25 प्रतिशत भाड़े का प्रस्ताव दिया गया। इस पर भी बात नहीं बनी। बाद में मंत्री के साथ बैठक में ट्रांसपोर्टर 12 फीसदी पर राजी हो गए।
राजधानी समेत राज्यभर के ट्रांसपोर्टर शुरुआत में 40 फीसदी ज्यादा भाड़ा लेने में अड़े थे। सीमेंट कंपनियों ने इस प्रस्ताव को मानने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद 25 प्रतिशत भाड़े का प्रस्ताव दिया गया। इस पर भी बात नहीं बनी। बाद में मंत्री के साथ बैठक में ट्रांसपोर्टर 12 फीसदी पर राजी हो गए।
हालांकि कुछ कंपनियों ने इसका विरोध किया, लेकिन कई तरह के तर्क देने के बाद कंपनियाें के प्रबंधक मान गए। आम सहमति बनने वाली बैठक में छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष अंजय शुक्ला, महासचिव संजू सिंह, रायपुर बस्तर कोरापुट परिवहन संघ अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिध्दू, बलौदाबाजार ट्रक मालिक संघ अध्यक्ष रितेश ठाकुर, ट्रांसपोर्टर सुधीर अग्रवाल, सुब्रत डे, अनुराग जैन, सुमीत अग्रवाल, आरआर रोड लाइंस, अमित तिवारी, मनोहर लाल अग्रवाल, दिवाकर अवस्थी, मनिंदर जीत सिंह, जसबीर सिंह ढिल्लन, जसविंदर सिंह आदि मौजूद थे।