आज के इस महंगाई के दौर में पाई-पाई को कमाना और बचाना कितना कठिन हो चुका है, इसे केवल गरीब और दोनों पाटों पर पिसने वाला मध्यम वर्गीय परिवार ही बता सकता है। ऐसे में कोई 20 लाख रुपयों को चूल्हे पर रखकर फूंक देता है, तो उसे क्या कहा जाएगा। पर यहां पर कहानी दूसरी है। यहां पर जो 20 लाख रुपए आग के हवाले किए गए, वह एक तहसीलदार, जिसे बड़े सम्मानजनक शब्दों में लोकसेवक कहा जाता है, उसकी काली कमाई थी। जिसकी वजह से वह जेल जाने वाला था, इससे बचने के लिए उसने ऐसी करतुत की, इसके बावजूद भी वह नहीं बच पाया।
पूरा मामला राजस्थान के सिरोही जिले का है, जहां पिंडवाड़ा तहसीलदार कल्पेश जैन ने अपनी काली कमाई को एंटी करप्शन ब्यूरो की गिरफ्त में आने से बचने के लिए चूल्हे में फूंक दिया। इसके बावजूद एसीबी ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा और अधजले नोटों को बरामद कर लिया है। इसकी बकायदा वीडियो भी बनाई गई है, ताकि कोर्ट में बतौर साक्ष्य रखा जा सके।
छापे की लग गई थी भनक
तहसीलदार कल्पेश जैन को एसीबी के छापे की खबर पहले ही लग गई थी, जिसकी वजह से वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर रिश्वत के 20 लाख रुपयों को आग के हवाले करने की कोशिश में लगा हुआ था। इसी बीच एसीबी की टीम पहुंच गई, लेकिन तहसीलदार ने घर के सभी दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर रखा था। लिहाजा एसीबी की टीम को खिड़की तोड़ना पड़ा।
भारतीय मुद्रा का अपमान
शासकीय सेवक होने के नाते तहसीलदार को पर्याप्त वेतन, आवास और शासकीय वाहन के साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी जाती है, इसके बावजूद तहसीलदार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वतखोरी को अंजाम दिया। इस जुर्म के साथ ही तहसीलदार ने भारतीय मुद्रा को आग के हवाले कर दूसरा सबसे बड़ा अपराध किया है।