रायपुर। भूपेश सरकार में परिस्थितियों के आधार पर LOCK DOWN किए जाने का अधिकार एक बार फिर से कलेक्टरों के हाथ में सौंप दिया है। इस आदेश के बाद अब जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव की जिम्मेदारी सीधे तौर पर कलेक्टरों की जवाबदेही बन चुकी है। दो राय नहीं कि प्रदेश के हालात बदतर हो चुके हैं। बीते दो दिनों से प्रदेश में 4500 का आंकड़ा बढ़ते हुए ग्राफ के साथ पार हो रहा है, तो मौतों ने तबाही मचा रखी है।
प्रदेश के सभी जिलों का आकलन करने के बाद नजर में आता है कि राजधानी रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, जशपुर और बेमेतरा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो चुकी है। प्रदेश के साथ ही राजधानी में भी पूर्व रिकार्ड टूट चुके हैं, तो दुर्ग की स्थिति गंभीर हो चुकी है।
READ ALSO : BIG BREAKING : राजधानी सहित प्रदेश में… LOCK DOWN कभी भी… कलेक्टरों को मिला अधिकार
प्रशासनिक स्तर पर नाइट CURFEW का ऐलान पहले ही कई जिलों में किया जा चुका है, लेकिन नियंत्रण को लेकर इसे कारगर नहीं माना जा सकता। ऐसे में लाॅक डाउन ही ज्यादा श्रेयस्कर नजर आता है। भीड़ पर नियंत्रण के लिए लाॅक डाउन को सबसे कारगर माना जा रहा है।
परिस्थितियों को देखते हुए गुप्त सूत्रों के मुताबिक लाॅक डाउन की घोषणा आज शाम तक हो सकती है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि पहले चरण में शनिवार-रविवार को लाॅक डाउन घोषित किया जा सकता है, शेष दिनों में धारा 144 लागू रखा जा सकता है। यदि दो दिनों में सफलता मिलती है, तो यथावत रखा जा सकता, अन्यथा आगे का निर्णय लिया जाएगा।