कोलकाता से चेन्नई के लिए 50 यात्रियों के साथ स्पाइसजेट का विमान उड़ान भरने के आधे घंटे बाद कोलकाता हवाई अड्डे से संपर्क खो दिया। लगभग डेढ़ घंटे बाद आधी रात को विशाखापत्तनम के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के साथ विमान का संचार बहाल हुआ। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक विमान लापता रहा। सूत्रों के मुताबिक कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे् से शनिवार रात 12:15 बजे चेन्नई के लिए 50 यात्रियों के साथ स्पाइसजेट के विमान ने उड़ान भरी।
छोटा क्यू-400 विमान 24,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर उड़ रहा था। भुवनेश्वर से लगभग 40 किमी दूरी पर रात 12:48 बजे से एटीसी ने अचानक विमान से रेडियो संपर्क खो दिया। दरअसल ऊंचाई, विमान की गति, खराब मौसम और आपातकाल के बारे में पायलट और एटीसी के बीच निरंतर संचार होता है। रडार के जरिए विमान की तस्वीर एटीसी के मॉनिटर पर दिखाई देती रहती हैं जिसे देखते हुए एटीसी पायलट को निर्देश देता रहता है। विमान से संपर्क टूटने के बाद एटीसी ने इमरजेंसी फ्रीक्वेंसी के साथ संवाद स्थापित करने की कोशिश की। लेकिन वह नाकाम रहा। अंत में क्षेत्र के चारों ओर उड़ान भरने वाले अन्य विमानों के पायलटों से संपर्क किया गया। उनसे कहा गया कि क्या वे स्पाइसजेट विमान के साथ किसी तरह से संवाद कर सकते हैं। लेकिन कोशिश करने के बावजूद अन्य विमानों के पायलट स्पाइसजेट के पायलटों के साथ संवाद करने में विफल रहे।
कोलकाता के एटीसी से अन्य सभी हवाई अड्डों को इस बारे अधिसूचित किया गया। अमूमन कोलकाता से चेन्नई के रास्ते में पायलट पहले कलकत्ता हवाई अड्डे के एटीसी, फिर विशाखापत्तनम के एटीसी से, उसके बाद चेन्नई के एटीसी से संपर्क करते हैं। इसके बाद विमान लैंड करते हैं।
विमान ने रात 2:10 बजे संचार स्थापित किया
-कोलकाता हवाई अड्डे के सूत्रों के अनुसार लगातार प्रयासों के बाद स्पाइसजेट विमान ने रात 2:10 बजे विशाखापत्तनम हवाई अड्डे के एटीसी के साथ संचार स्थापित किया। उसके बाद एटीसी अधिकारियों ने राहत की सांस ली। बतातें चलें कि सामान्यतया गंतव्य तक पहुंचने के अलावा आसपास के दो हवाई अड्डे तक लैंड करने के लिए विमान में अतिरिक्त ईंधन रहता है।
डीजीसीए कर रहा घटना की जांच
इधर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) इस घटना की जांच कर रहा है। क्योंकि डेढ़ घंटे तक विमान का एटीसी के साथ संपर्क नहीं रहना सामान्य घटना नहीं है। डीजीसीए ने इस बारे में स्पाइसजेट के अधिकारियों से बात कर विस्तृत रिपोर्ट सोमवार को उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है। शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि रेडियो संचार संपर्क टूट जाने की वजह से ऐसा हुआ है।
2014 में लापता हो गया था मलेशियाई विमान
-गौरतलब है कि इसी तरह मार्च 2014 में 227 यात्रियों के साथ मलेशिया एयरलाइंस का विमान दक्षिण चीन की खाड़ी के आसमान से लापता हो गया था और घंटों बाद भी एटीसी के साथ उसका संपर्क नहीं हो पाया और वह कभी वापस नहीं मिला।