’स्पीक अप इंडिया’ में सोनिया-राहुल ने दिया संदेश…. पार्टी कार्यकर्ताओं सहित देशवासियों से की ये अपील
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी और राहुल गांधी ने देश की जनता के लिए सन्देश दिया है। संदेश में उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना से उपजे रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे गरीब तबकों के प्रति चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से व आम देशवासियों से अपील की है कि मिलकर गरीब तबकों के हक के लिए आवाज बुलंद करने के लिए सामाजिक अभियान चलायें।
इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लाॅक डाउन को लेकर सरकार की सोच सही नहीं थी, जिसका दुष्परिणाम आज देश के सामने है। राहुल ने देशवासियों से अपील की है कि यह वक्त सहयोग का है, जिसके लिए सभी को आगे से आगे आने की जरूरत है, ताकि जो लोग परेशान हैं, उन्हें राहत दी जा सके।
सोनिया के संदेश के प्रमुख अंश –
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं। करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चैपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ। पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के सब साथियों ने, अर्थ-शास्त्रियों ने, समाज-शास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है। इसलिए, कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज बुलंद करने का यह सामाजिक अभियान चलाना है।
कांग्रेस के इन दोनों अग्रणी नेताओं के साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कई बड़े नेताओं के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित अन्य लोग भी ’स्पीक अप इंडिया’ में जुड़े और अपनी बातें रखीं।