रायपुर। बीते महज एक सप्ताह के सरकारी आंकड़ों पर ही गौर किया जाए, तो छत्तीसगढ़ की स्थिति खतरनाक हो चुकी है। हर दिन चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। यह कोरोना का दूसरा लहर है, जिसकी शुरुआत के साथ ही यह दावा किया गया था कि इससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन हकीकत यह है कि दूसरी लहर भी पहली लहर के माफिक ही नहीं, बल्कि कहीं ज्यादा नुकसानदायक साबित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में 15 मार्च तक परिस्थितियां फिर भी अनुकुल थीं, लेकिन 16 मार्च से कोरोना ने जिस प्रचंड वेग को अख्तियार किया है, वह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन सामने आ रहे आंकड़े बेहद डराने और चौंकाने वाले साबित हो रहे हैं। जो हाल महाराष्ट्र का है, छत्तीसगढ़ की स्थिति भी कुछ वैसी ही होती जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ताजा परिस्थितियों को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, स्वास्थ्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से इसकी जानकारी ली है और समीक्षा की है, जिसके बाद अब उन्होंने आज शाम 6 बजे अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों की आपात बैठक वर्चुअल माध्यम से बुलाई है।
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बता दें कि कलेक्टर के निर्देश पर राजधानी में शाम 6 बजे के बाद एक तरह से लाॅक डाउन का माहौल रहता है। दुर्ग जिले में आज से सख्त लाॅक डाउन हो गया है। बेमेतरा में तीन दिनों से दोपहर 2 बजे के बाद से लाॅक डाउन लागू हो चुका है। इसी राजनांदगांव में भी सख्ती बरती जा रही है। लेकिन संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम ही नहीं ले रही है।
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ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम अपने मंत्रिमंडल से चर्चा करने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के इस चिंताजनक हालात को देखते हुए सीएम बघेल आगामी दिनों के लिए लाॅक डाउन जैसा सख्त निर्णय भी यदि लेते हैं, तो आश्चर्यजनक बात नहीं होगी। हालांकि सीएम बघेल लाॅक डाउन को लेकर पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए वे सहमति प्रदान कर सकते हैं।