गरियाबंद। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के छग लौटने का सिलसिला जारी है। जो जहां पर है, वहां उस तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है और प्रदेश के श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। सुरक्षित अपने घर पहुंचने के बाद ये श्रमिक भी मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदना ही है, जिसकी वजह से वे अपने घर पहुंच पा रहे हैं, वरना लोगों को बड़ी मुसीबत हो रही थी।
छत्तीसगढ़ के मजदूर जो अन्य राज्यो में फंसे है वहाँ उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वही ये मजदूर अपने जन्मभूमि छत्तीसगढ़ में आते ही प्रशासन के सहयोग मिलते ही काफी राहत महसूस कर रहे है और छत्तीसगढ़ के मुखिया का आभार प्रकट करते नही थक रहे हैं। आपको बता दे कि गरियाबन्द जिले के गोहरापदर और मैनपुर क्षेत्र के 70 मजदूर रोजगार की तलाश में तेलंगाना गए हुए थे, इसी दौरान कोरोना के चलते केंद्र शासन द्वारा लाकडाउन घोषित किया गया और वे 70 मजदूर अपने छोटे छोटे बच्चों और परिवार के साथ वही फंस गए। इस बीच उन्हें न कोई सुविधा मिली और न ही किसी प्रकार का सहयोग मिला।
3 मई के बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुमति लेकर अपने राज्य के मजदूरों और छात्र छात्राआंे को वापस लाने की तैयारी की गई और बाहर से लोगांे का आना प्रारम्भ हुआ। वही 22 मई को तेलंगाना में फंसे 70 मजदूर को जिला मुख्यालय स्टेडियम लाया गया और उनके खाने पीने और रुकने की उचित ब्यवस्था की गई।
वापस लौटे मजदूरों ने बताया कि तेलंगाना में हम काफी परेशान थे और वापसी के लिए अपने स्वयं जैसे तैसे खर्च कर के कई परेशानियो से जूझते हुए ऑटो रिक्शा करके कोंटा तक पहंुचे। लेकिन वहां पहुचते ही छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल के द्वारा हमारे नंगे पांव के लिए चप्पल, खाने के लिए खाना बच्चों के लिए बिस्किट के साथ उनके घर पहुंचने की व्यवस्था कराई है।