आने वाले दिनों में कोरोना का रुप कैसा होगा। इस पर शोध जारी है। लेकिन कोरोना के कारण जिन मरीजों में बदलाव देखने को मिला है वो बेहद चौंकाने वाले थे।एक अखबार के रिसर्च के मुताबिक छत्तीसगढ में ऐसे दो मामले सामने आए जहां पर आरटी-पीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीज के फेफड़ों में इंफेक्शन 90 फीसदी था।
दोनों केस में RT-PCR रिजल्ट था नेगेटिव
छत्तीसगढ़ के इन दोनों केस में स्थिति एक-सी थी। दोनों ही मामलों में RT-PCR कोरोना वायरस की पुष्टि करने में नाकाम रहा। पूरे देश से रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वायरस के नए वैरिएंट्स टेस्ट में पता ही नहीं चलते। जब तक CT स्कैन कराया गया, तब तक फेफड़े को काफी नुकसान पहुंच चुका था। सरकार के मुताबिक देश के 18 राज्यों में कोरोना के वैरिएंट्स मिले हैं। जिनमें ब्राजील, UK और दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट्स शामिल हैं। जिसमे सबसे ज्यादा खतरनाक वैरियंट महाराष्ट्र में मिला जो कि खतरनाक डबल म्यूटंट वैरियंट था।
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क्यों नया वैरियंट है खतरनाक ?
RT-PCR को कोरोना वायरस की जांच में गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट समझा जाता है। इसके बाद भी कुछ वैरिएंट्स के सामने यह नाकाम हो रहा है। छत्तीसगढ़ की कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा की माने तो कि पिछले हफ्ते कई ऐसे मामले आए जिनमें लोगों के CT स्कैन में फेफड़े में काफी इन्फेक्शन नजर आया, लेकिन जांच में कोरोना निगेटिव निकला। प्रदेश में ऐसे ढाई सौ से ज्यादा केस आ चुके हैं। करीब 50 मामले ऐसे हैं जिनमें मरीजों की कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव थी, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।