रायपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत झेल रहे कोरोना के मरीजों को अब एक और इंजेक्शन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के उपचार में काम आ रहा इंजेक्शन टोसीलीजुमेब (टोसी) की मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं है। राजधानी समेत प्रदेश के सभी बाजारों में इस इंजेक्शन की आपूर्ति पूरी तरह थम गई है। इधर, लॉकडाउन की वजह से मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन ढूंढऩे के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना पीडि़तों के पर्चे पर इस इंजेक्शन को लिखे जाने का चलन लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल इस इंजेक्शन की किल्लत पर न तो प्रशासन का ध्यान गया है न ही सरकार का। टोसी नाम से मिलने वाले टोसीलीजुमेब इंजेक्शन की कीमत 32 से 40 हजार रुपये के बीच है। चार-पांच दिन पहले तक बाजार में 32 हजार 700 रुपये की कीमत पर दवा बाजार में यह इंजेक्शन मिल रहा था। उस दौरान रेमडेसिविर की काफी दिक्कत थी। इसके बाद से कई मरीजों के पर्चे पर इस महंगे इंजेक्शन को लिखा गया। रेमडेसिविर नहीं था तो मजबूरी में मरीजों के स्वजनों ने विकल्प के तौर पर इस महंगे इंजेक्शन को खरीदना शुरू किया। इसके बाद धीरे-धीरे इस इंजेक्शन की मांग बढऩे लगी और यह भी मेडिकल स्टोरों में नहीं मिल रहा है।डॉक्टर मरीजों के पर्चे पर रेमडेसिविर और टोसी इंजेक्टशन लिखकर दे रहे हैं। यह इंजेक्शन न दुकानों पर है न ही स्टाकिस्ट के पास। ऐसे में भर्ती मरीजों को अस्पतालों की फॉर्मेसी से ही यह उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। हो ये रहा है कि मरीजों के पर्चे पर लिखकर उन्हें बाजार में दौड़ाया जा रहा है।