रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवेदनशील पहल करते हुए कलेक्टरों को तात्कालिक आवश्यकतानुसार रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयों की खरीदी की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बालोद और मुंगेली में आरटीपीसीआर टेस्टिंग लैब की स्थापना की भी स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति और उससे नियंत्रण के उपायों की समीक्षा के दौरान ये स्वीकृतियां प्रदान की। मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर जिलों की लगातार समीक्षा की जा रही है। इसी कड़ी में आज उन्होंने महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, कबीरधाम, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा- मरवाही, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर जिले की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने समीक्षा करते हुए कहा कि हमें बिना थके, बिना रूके कोरोना से लड़ाई जीतना है। सबके सहयोग और टीम भावना के साथ व्यवस्थित रूप से काम करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को जल्द से जल्द उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञों के माध्यम से आवश्यक दवाईयों का किट तैयार करे और मितानिनों के माध्यम से इस किट के वितरण करने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टरों ने अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्था की है। इसमें सतत निगरानी रखी जाए और कोरोना पर शीघ्रता से नियंत्रण के लिए जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से नीचे लाने का हर संभव प्रयास हो। उन्होंने कहा कि कलेक्टर यह भी ध्यान रखें कि लॉकडाउन के दौरान आम जनता को कोई परेशानी न हो तथा अनावश्यक रूप से आवाजाही करने वालों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप जरूरतमंदों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कलेक्टरों से कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की रेल्वे स्टेशनों, बस स्टैण्डों तथा अंतर्राज्यीय सीमाओं के खासकर एंट्री प्वाइंट पर ही कड़ाई से टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए ताकि बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति टेस्टिंग से न छूटे। बाहर से आने वाले लोगों का टेस्टिंग के उपरांत रिपोर्ट के आधार पर क्वॉरंटाईन सेंटर और आइसोलेशन केन्द्र में अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जाए। आइसोलेशन वालों की निगरानी भी की जाए। इसके लिए उन्होंने हर ग्राम पंचायतों में क्वॉरंटाईन सेंटर तथा आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था के लिए आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमित मरीजों के घरों में पोस्टर की जगह स्टेंसिल पेंट कर सूचना प्रदर्शित की जाए। उन्होंने कहा कि घरों में लगाए जाने वाले पोस्टर अक्सर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। घर में प्रदर्शित की जाने वाली सूचना का संदेश सकारात्मक हो एवं प्रेरणादायी नारों से युक्त हो। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग संदेश का प्रारूप डिजाईन कर उपलब्ध कराए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी जिलों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर वाले बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की सप्लाई चैन, ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता और रोटेशन, मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और उनकी भर्ती की प्रगति, रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता तथा सीएसआर मद, औद्योगिक क्षेत्र और सामाजिक संगठनों के सहयोग से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों का फालोअप किया जा रहा है। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ, सीईओ और संभव हो तो जनप्रतिनिधि प्रतिदिन 10-10 मरीजों से टेलीफोन पर संपर्क कर उनकी स्थिति की जानकारी लेकर उनके उपचार में सहायता करे।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु जी. पिल्ले, अपर मुुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, श्रम सचिव अंबलगन पी., सम्बंधित संभाग के कमिश्नर, आई.जी. इन सभी 11 जिलों के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।