गरियाबंद। कोरोना की चपेट में आने के बाद मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि जिस पिता ने जीवन दिया है, उसकी अपनी ही औलाद उसके अंतिम संस्कार कभी बीड़ा नहीं उठाना चाहता। यह एक ऐसी कड़वी सच्चाई है जिसे स्वीकारना हर किसी की मजबूरी हो चुकी है।
ऐसा ही एक मामला गरियाबंद के देवभोग से आया है जहां एक पिता की मौत करुणा की वजह से हो गई तो बेटे ने चावल लेने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं कुछ नहीं अंतिम संस्कार भी अपने तरीके से करने की छूट अस्पताल प्रबंधन की ही हाथों सौंप दिया।
शव दो दिन से गरियाबंद के देवभोग कोविड अस्पताल के डेड बॉडी चेंबर में पड़ा है, लेकिन शव का अंतिम संस्कार करने की कोई व्यवस्था नहीं हुई है। मृतक के बेटे ने शव का अंतिम संस्कार वहीं करने कह दिया। वहीं अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था में कमी व परिजनों की गैरमौजूदगी बताकर कुछ नहीं किया। अब इस मामले में एसडीएम ने दखल दिया है। आज पंचायत की मदद से शव गांव लाया जाएगा।
बरबहली निवासी भारत नेताम व परमानन्द नेताम के 64 जयशन वर्षीय पिता जयशन नियम को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद रविवार को दोपहर ढाई बजे देवभोग कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। बिगड़ते हालत को देखते हुए उसे गरियाबन्द रेफर कर दिया गया। जयशन के बेटे भारत नेताम ने बताया कि रविवार को ही पिता की मौत की सूचना देवभोग अस्पताल से फोन करके दिया गया। उन्हें गरियाबन्द जाने भी कहा गया था।