29 मई 2020 वो तारीख जब छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक सितारा अस्त हो गया । ये सितारा था अजीत प्रमोद जोगी । अजीत जोगी वो नाम जिसकी एक आवाज से लाखों की भीड़ एक पल में जुट जाती थी । वो शख्स जिसने छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यहां के पहले मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया । वो व्यक्तित्व जिसने अपने विरोधियों को भी अपने अंदाज का मुरीद बना डाला । आज हम सबके बीच से अचानक चला गया । अजीत जोगी का छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उसका निरंतर विकास किया । चाहे गांवों में बिजली पहुंचाना हो, राज्यमार्गों की हालत दुरुस्त करना हो या फिर आदिवासियों की हक की बात हर जगह जोगी ने अपने काम का लोहा मनवाया ।निजी अस्पताल में उनके निधन के बाद सीएम भूपेश बघेल उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सीएम बघेल ने जोगी के निधन के बाद गहरा दुख प्रकट किया ।
जोगी के निधन पर राज्य में शनिवार से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी भी तरह के शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे । सीएम बघेल ने अजीत जोगी के निधन को राज्य के एक अपूरणीय क्षति बताया है। सीएम बघेल ने जोगी को याद करते हुए कहा कि राज्य बनने केबाद से जोगी ने छत्तीसगढ़ के विकास की जो रुपरेखा तैयार की थी वो अविस्मरणीय है । उन्होंने राज्य की कमान अपने हाथ में लेकर एक कुशल राजनेता और प्रशासक की भूमिका बखूबी अदा की ।
आपको बता दें कि राज्य में जब जोगी की सरकार थी तो सीएम बघेल उस समय कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्य किया था । सीएम बघेल ने कहा कि राज्य में गांव, गरीब और किसानों के लिए अजीत जोगी हमेशा खड़े रहे और उनके लिए काम करने का प्रण लिया ।
सीएम बघेल ने हर पल ली जोगी की अपडेट
भले ही अजीत जोगी ने कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी बनाई और चुनाव में विरोधियों को नाकों चने चबाएं । लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सीएम बघेल और जोगी के रिश्ते व्यक्तिगत तौर पर अच्छे थे । राजनीतिक मंच में भले ही जोगी और बघेल विरोधी थे लेकिन व्यक्तिगत तौर जब-जब जोगी की तबीयत बिगड़ी सीएम बघेल ने तत्काल जोगी को मदद पहुंचाई । 9 मई को जब अजीत जोगी की तबीयत बिगड़ी तो सीएम बघेल ने पत्नी रेणू जोगी और बेटे अमित जोगी को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया । अजीत जोगी के इलाज को लेकर किसी भी तरह की कोताही न बरतने के निर्देश सीएम बघेल ने दिए थे । उन्होंने खुद जाकर अजीत जोगी का हालचाल जाना था और ये कहा था कि जोगी हर बार मौत को मात देकर लौटे हैं और ईश्वर से कामना करते हैं कि इस बार भी ऐसा ही हो ।
सीएम बघेल ने हवाई मार्ग से पहुंचाया था अस्पताल
फरवरी माह में जब राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंह देव की श्रद्धांजलि सभा में जब अजीत जोगी उन्हें नमन करने अंबिकापुर पहुंचे तो वहां भी उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी ।जोगी की तबीयत की खबर सुनते ही सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर स्टेट प्लेन दरिमा हवाई पट्टी पहुंचा । अंबिकापुर अस्पताल में जोगी को चेकअप के बाद उनके विशेष वैन से उन्हें दरिमा हवाई पट्टी ले जाया गया, जहां से प्लेन में उन्हें रायपुर भेजा गया ।इस दौरान भी सीएम बघेल ने जोगी के इलाज के लिए डॉक्टरों को निर्देश दिया था । जब इस बात की जानकारी अजीत जोगी के पुत्र अमित को हुई, तो उन्होंने ट्वीट के माध्यम से सीएम भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया ।
पहले भी जोगी को एयरलिफ्ट करके पहुंचाई गई थी मेडिकल हेल्प
इससे पहले भी सितंबर 2019 में जब अजीत जोगी की तबीयत खराब हुई थी तो सीएम बघेल ने निर्देश पर उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में एयर लिफ्ट करके ले जाया गया था । यानी हर मौके पर सीएम बघेल अजीत जोगी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। जब भी जोगी को जरुरत पड़ी सीएम बघेल ने पल भी देरी न करते हुए उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया ।समय पर अस्पताल पहुंचने के कारण कई बार जोगी जी ने मौत को मात भी दिया ।
पेंड्रा को जिला बनाने के लिए की थी जोगी ने मुलाकात
साल 2018 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनकी पार्टी के तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बिलासपुर में मुलाकात की…एजेंडा था, नए जिले के निर्माण का. इसके लिए अजीत जोगी ने भूपेश बघेल को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस मुलाकात की तस्वीर को जिसने भी देखा उसने इस मुलाकात के मायने निकालने शुरू कर दिए थे । कहा ये जा रहा था कि अजीत जोगी और भूपेश बघेल की मुलाकात किसी न किसी चीज की रुपरेखा तैयार करने को लेकर है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने के लिए जोगी परिवार को छत्तीसगढ़ भवन में एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा. जोगी आमतौर पर किसी का इंतजार इतना नहीं करते…