छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोविड सेंटर में काम करने वाले नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया। नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को कोविड सेंटर में काम करवाने का फैसला सरकार ने लिया था। जिसके लिए उन्हें हर जरूरी इंतजाम करने की बात कही गई थी । लेकिन आदेश पर अमल न हो सका। सुरक्षा को देखते हुए नर्सिंग स्टूडेंट्स ने जिला चिकित्सा अधिकारी के सामने अपनी मांगें रखीं। लेकिन वहां भी लंबा इंतजार करने के बाद छात्रों को आश्वासन की पोटली पकड़ा दी गई।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोविड सेंटर में काम करने वाले नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया। नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को कोविड सेंटर में काम करवाने का फैसला सरकार ने लिया था। जिसके लिए उन्हें हर जरूरी इंतजाम करने की बात कही गई थी । लेकिन आदेश पर अमल न हो सका। सुरक्षा को देखते हुए नर्सिंग स्टूडेंट्स ने जिला चिकित्सा अधिकारी के सामने अपनी मांगें रखीं। लेकिन वहां भी लंबा इंतजार करने के बाद छात्रों को आश्वासन की पोटली पकड़ा दी गई।
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दफ्तर के सामने नर्सिंग छात्रों ने लंबा इंतजार किया। ये छात्र छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले के बाद अपनी पढ़ाई के बीच में ही कोविड पीड़ित मरीजों की सेवा करने के लिए तैयार हो गए। लेकिन इन्हें नहीं पता था जो आश्वासन इन्हें काम करने से पहले दिए गए हैं वो महज कागजी है। क्योंकि जिस आदेश को सरकार ने जारी करके इनसे काम करवाया उसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा। इन स्टूडेंट्स को ड़्यूटी के दौरान पीपीई किट और खाने की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन को करनी थी। लेकिन इन सब के बिना ही इनसे काम करवाने लगे। जिसका विरोध अब छात्र कर रहे हैं। इन्होंने कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट समेत तीन वक्त का भोजन देने की मांग जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की है।
4 घंटे इंतजार के बाद मिली CMHO
अपनी मांगों को लेकर ये लगभग 4 घंटे सीएमएचओ दफ्तर के बाहर डटे रहे जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी महोदया का दिल पिघला। लिहाजा उन्होंने इनकी मांगों पर अमल करने की बात कही है।लेकिन उससे पहले ऐसी किसी भी बात की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया।
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोविड सेंटर में काम करने वाले नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया। नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को कोविड सेंटर में काम करवाने का फैसला सरकार ने लिया था। जिसके लिए उन्हें हर जरूरी इंतजाम करने की बात कही गई थी । लेकिन आदेश पर अमल न हो सका। सुरक्षा को देखते हुए नर्सिंग स्टूडेंट्स ने जिला चिकित्सा अधिकारी के सामने अपनी मांगें रखीं। लेकिन वहां भी लंबा इंतजार करने के बाद छात्रों को आश्वासन की पोटली पकड़ा दी गई।जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दफ्तर के सामने नर्सिंग छात्रों ने लंबा इंतजार किया। ये छात्र छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले के बाद अपनी पढ़ाई के बीच में ही कोविड पीड़ित मरीजों की सेवा करने के लिए तैयार हो गए। लेकिन इन्हें नहीं पता था जो आश्वासन इन्हें काम करने से पहले दिए गए हैं वो महज कागजी है। क्योंकि जिस आदेश को सरकार ने जारी करके इनसे काम करवाया उसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा। इन स्टूडेंट्स को ड़्यूटी के दौरान पीपीई किट और खाने की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन को करनी थी। लेकिन इन सब के बिना ही इनसे काम करवाने लगे। जिसका विरोध अब छात्र कर रहे हैं। इन्होंने कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट समेत तीन वक्त का भोजन देने की मांग जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की है।जिला कलेक्टर ने जारी किया था आदेशरायपुर जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए 428 बीएससी नर्सिंग के स्टूडेंट्स को जिला चिकित्सा अधिकारी के अधीन कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान अगर कोई को भी ड्यूटी करने से इनकार करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी । लेकिन कलेक्टर ने आदेश जारी करने के बाद इन छात्रों का फीडबैक लेने के लिए किसी को नियुक्त नहीं किया,जो कि बेहद जरुरी था। अब देखना ये होगा कि सीएमएचओ महोदया किस तरह से इनकी संकट मोचक बनती हैं।
जिला कलेक्टर ने जारी किया था आदेश
रायपुर जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए 428 बीएससी नर्सिंग के स्टूडेंट्स को जिला चिकित्सा अधिकारी के अधीन कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान अगर कोई को भी ड्यूटी करने से इनकार करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी । लेकिन कलेक्टर ने आदेश जारी करने के बाद इन छात्रों का फीडबैक लेने के लिए किसी को नियुक्त नहीं किया,जो कि बेहद जरुरी था। अब देखना ये होगा कि सीएमएचओ महोदया किस तरह से इनकी संकट मोचक बनती हैं।