हैदराबाद। आंध्र प्रदेश पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कोविड-19 के बारे में झूठी सूचनाएं फैलाने के आरोप में केस दर्ज किया है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपदा प्रबंधन कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वकील मसूपोगु सुबैया ने शिकायत में आरोप लगाया कि नायडू ने दावा किया था कि कोरोना वायरस के वेरिएंट N440K की शुरुआत कुरनूल शहर से हुई और इससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है।
शिकायत में कहा गया कि चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणी से लोगों में दहशत फैल गई। इस वजह से कई महिलाएं और बच्चे मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए और उनमें से कई की मौत भी हो गई. शिकायत के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री नायडू के दावे के कारण ओडिशा और दिल्ली जैसे राज्यों ने आंध्र प्रदेश के लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी और राज्य के लोगों का तिरस्कार किया जा रहा है।
वकील ने कहा कि नायडू और अन्य के खिलाफ पूरा जांच होनी चाहिए. शिकायत के आधार पर कुरनूल पुलिस ने आईपीसी की धारा-188, धारा-505 (1) (b) (2) के तहत झूठे बयान देने और लोगों में गैरजरूरी दहशत पैदा करने के आरोप में केस दर्ज किया. इसके अलावा उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून की धारा 54 भी लगाई है, क्योंकि नायडू ने कथित रूप से कोरोना वायरस स्ट्रेन के बारे में गलत चेतावनी दी।
झूठे केस दर्ज कर नाकामी छिपानी की कोशिश- TDP
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने अपने नेता के खिलाफ दर्ज हुए मामले के बाद मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधा और कहा कि राज्य गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा हैं और वे बदले की राजनीति कर रहे हैं. राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री ए चिना रजप्पा ने एक बयान में कहा, “चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ झूठे केस दर्ज कर मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं।
राज्य में हर दिन 20 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के लोगों को वैक्सीन लगाने में नाकाम साबित हुई है और जनस्वास्थ्य पर ध्यान देने की बजाय विपक्षी नेताओं के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर रही है।
वहीं राज्य के परिवहन और जन संपर्क मंत्री वेंकटरमैया ने कहा कि राज्य में म्यूटेंट स्ट्रेन की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि “नायडू कोविड-19 से ज्यादा खतरनाक हैं.” उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में गुरुवार को कहा था कि सरकार लगातार लोगों की मदद कर रही है लेकिन नायडू झूठे आरोप लगाकर सरकार की छवि बदनाम करना चाहते हैं और झूठे अफवाहों से लोगों में दहशत पैदा करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “वायरस के N440K वेरिएंट के फैलने की कोई पुष्टि नहीं और वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भी बताया कि देश में B.1.617 वेरिएंट को छोड़कर कोई नया म्यूटेंट वेरिएंट नहीं है।”
N440K वेरिएंट उतना संक्रामक और घातक नहीं- आंध्र सरकार
अभी हाल ही में आंध्र प्रदेश के कोविड कमान और कंट्रोल सेंटर के अध्यक्ष के एस जवाहर रेड्डी ने एक बयान में कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कोविड-19 महामारी को लेकर 25 अप्रैल को जारी जानकारी के मुताबिक भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों का संबंध B.1.617 वेरिएंट से है. उन्होंने कहा कि WHO की रिपोर्ट में N440K वेरिएंट का कोई जिक्र नहीं है।
हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की ओर से इस संबंध में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक से सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की गई. जवाहर रेड्डी ने कहा था कि रिसर्च में यह पता चला है कि कोरोना का N440K वेरिएंट उतना संक्रामक और घातक नहीं है. आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोविड-19 का बेहद संक्रामक माना जाने वाला B.1.617 और B.1 वेरिएंट युवाओं में तेजी से फैल रहा है।