केशकाल। कोरोना के दूसरे लहर और लाकडाउन के चलते बैंक एवं फाइनेंस कंपनी के कर्जदारों की हालत की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए केशकाल के वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णदत्त उपाध्याय ने किस्त पटाने और ब्याज व सरचार्ज अदायगी में छूट देने की मांग किया है। श्री उपाध्याय का कहना है कि पूरे देश एवं प्रदेश में कोरोना की द्वितीय लहर ने काम धंधा दूकान दारी एवं हाट बाजार सब चौपट हो गया है । राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को बिगड़ते हालात के चलते लाकडाउन लगाना पड़ गया है। गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के सामने फिलहाल पेट भरने और परिवार को पालने तथा बिमारी से प्रांण बचाने की ज्वलंत समस्या आ पड़ी है । इस बीच जो लोग अपने रोजी रोटी के लिए बैंक से या प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेकर कोई वाहन ले लिए थे या कोई काम धंधा चालू किया था उन लोगों की जान बड़ी सांसत में पड़ गया है। लाख डाउन लग गया है घर से बाहर निकल नहीं सकते काम धंधा कर नहीं सकते वाहन चला नहीं सकते फिर भी लिए गये कर्ज का ब्याज बढ रहा है और किस्त नहीं पट पा रहा है । राष्ट्रीयकृत बैंक एवं अर्धशासकिय बैंक वाले तो अपने खाते में ब्याज सरचार्ज बढ़ाते जा रहे हैं और फिलहाल तंग नहीं कर पा रहे हैं परन्तु फ्लर्ट ब्याज लेकर अपने कर्जदारों को उबरने का बहुत कम अवसर देने वाले प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी वाले तो ब्याज और सरचार्ज जोड़ते हुए कर्ज राशि का किस्त और सरचार्ज पटाने के लिए तकादा उपर तकादा करते हर हथकंडा अपना रहे हैं। जिसके चलते प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी के कर्जदारों के सामने बहुत बड़ी आफत आ पड़ी है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब कोरोना का प्रथम लहर चालू हुआ था तब केंद्र सरकार ने पूरे देश में लाकडाउन लगाया था और उस वक्त कर्ज उगाही पर रोक लगाते बैंक ब्याज से राहत दे दिया था तब सरकार के नियंत्रण में चलने वाले बैंकों के हांथ प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी वालों ने भी सरकार के द्वारा जारी आदेश और सरकार के सख्त रवैय्ये के चलते अपने कर्जदारों को हलाकान परेशान नहीं किया था।परंतु इस वर्ष स्थिती अलग है केंद्र सरकार अपना पल्ला झाड़कर राज्य सरकारों पर लाख डाउन लगाने न लगाने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है और राज्य सरकार भी जिला कलेक्टरों को अधिकृत कर दिया है ।जिसके चलते सरकारी -सहकारी बैंक और प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेने वाले कर्जदारों के बारे में अभी तक कोई विचार नहीं किया जा रहा है। जिससे कर्जदारों के सामने दूबर को डबल असाढ जैसी हालत हो रही है।खासकर प्राईव्हेट बैंक से कर्ज लेने वालों की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है । इसलिए मेरी यह मांग है कि सरकार को कर्ज में डूबे लोगों की हालत और हालात की तरफ सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए कम से कम फिलहाल किस्त उगाही में राहत दे देवे और हो सके तो कम से कम दो माह का ब्याज एवं सरचार्ज माफ करवाने की कृपा करें।प्राईवेट फाइनेंस कंपनी वालों द्वारा किस्त एवं ब्याज सरचार्ज उगाही करने में कोई सख्ती न कर पायें इसके लिए खासतौर पर आदेश जारी किया जावे। बचजिले में कोरोना के बढ़ती संक्रमण के चलते जिले में 16 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है, जिसका असर पूरे जिले में देखने को मिल रहा है , और कई लोगो को अपने बैंक के लोन, गाड़ी लोन पटाने में असमर्थ है उनकी राहत सरकार तरफ देते हुए एक महीने की लोन माप किया जाए यह मांग वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण उपाध्याय ने की है।
और कोरोना और लाकडाउन के चलते उन लोगों के उपर बहुत बड़ी आफत आन पड़ी है जो प्राईव्हेट फाइनेंस कंपनी से लोन लेकर गाड़ी ले लिए हैं। केशकाल के वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णदत्त उपाध्याय ने कर्जदारों की हालत पर दुख चिंता जाहिर करते यह मांग किया है ।देखना यह है की सरकार इस पर कितनी गंभीरता से कब क्या पहल करती हैं पर यह तो तय है की कर्जदारों की हालत कोरोना के चलते बहुत खराब हो चुकी है।