जांजगीर। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के लिए सरकार तो प्रयास कर रही है, लेकिन अंदर का सिस्टम ही कमजोर पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्लास में गुरुवार को छत्तीसगढ़ के जांजगीर में कलेक्टर यशवंत कुमार ‘फेल’ हो गए। वह अपने जिले की स्थिति और गांवों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे सके और यह भी नहीं बता पाए कि जिले में कितने गांव कोरोना मुक्त हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें प्लानिंग का तरीका सिखाया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 राज्यों के 54 जिलों में कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा कर रहे थे। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों में संक्रमण की दर और रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। इसमें छत्तीसगढ़ से बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बिलासपुर जिलों के कलेक्टर भी जुड़े थे। कॉन्फ्रेंस में जांजगीर कलेक्टर यशवंत कुमार ने प्रशासन की ओर से कोविड सेंटर में किए गए प्रयासों के बारे बताया।
PM ने गांव की संख्या पूछी, तो पहले 1400, फिर बोले- 600-700
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कलेक्टर यशवंत कुमार से पूछा कि आपके जिले में कितने गांव हैं? इस पर कलेक्टर साहब पहले बोले कि 1400, फिर कहा 600-700। इस बीच प्रधानमंत्री ने उन्हें टोका और गांवों के कोरोना मुक्त होने की जानकारी मांगी, तो उन्होंने नहीं पता होने की बात कही। इसके बाद प्रधानमंत्री ने गांवों का डाटा बनाने, उन्हें संक्रमण को रोकने, गांवों की स्थिति बेहतर बनाने के बारे में बताया। कहा कि थोड़ी मेहनत करेंगे तो हो जाएगा।
देखें वीडियो
https://youtu.be/WjtQOAw0OsU
प्रधानमंत्री ने गांवों में संक्रमण रोकने के लिए प्लान बनाने को कहा
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जिलों के कलेक्टर को गांवों में संक्रमण रोकने के लिए प्लान बनाने को कहा। उन्होंने बताया कि जिम्मेदार लोगों को इसमें शामिल करें। प्रयास करें कि संक्रमण मुक्त गांवों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए। और लोग भी इससे प्रेरित हों और सहयोग करें। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और CM सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी शामिल थे।