वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन पर अंकुश लगाने के प्रयास में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा शीर्ष अधिकारियों के साथ संवाद करने के बाद अब फील्ड में काम करने वालों का भी हौसला बढ़ा रहे हैं।
वाराणसी के डॉॅक्टर्स के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ तथा अन्य मेडिकल कर्मियों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री सेकेंड स्ट्रेन की स्थिति के साथ ही थर्ड स्ट्रेन पर तैयारी की जानकारी लेने के साथ अपने सुझाव भी दिया। इस दौरान वाराणसी के जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। लोगों के कोरोना से निधन पर प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए और मृतकों को श्रद्धांजलि के साथ पीड़ितों के प्रति सांत्वना व्यक्त की।
बोले-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। सेकेड वेव में कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना जादा है। मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। बनारस वैसे भी काशी के लिए ही नहीं पूर्वांचल के स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र है। बिहार के लोग भी काशी पर डिपेंड हैं। ऐसे में यहां के लिए कोरोना चुनौती बनकर आया है। यहां के हेल्थ सिस्टम पर सात सालों में जो काम हुआ उसने हमारा बहुत साथ दिया। फिर भी यह असाधारण हालात रहे।
जी जान से काम करते रहे हेल्थ वर्कर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले इस दबाव को भी संभालना संभव रहा। खुद की तकलीफ से ऊपर उठकर हेल्थ वर्कर जी जान से काम करते रहे। एक-एक मरीज के लिए दिन रात काम किया। आपकी तपस्या से बनारस ने जिस तरह कम समय में खुद को संभाला है, आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है। इस दौर में जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने भी लगातार काम किया। आक्सीजन के लिए प्लांट लगाए। बनारस ने जिस गति से कम समय में आइसीयू बेड बढाया और डीआरडीओ अस्पताल को स्थापित किया। बनारस का कोविड कमांड सेंटर बढिया काम कर रहा है। हमने तकनीक का प्रयोग किया, मरीजों के लिए उसे सुलभ बनाया वह अनुकरणीय है। जो योजनाएं बनी जो अभियान चले उसने कोरोना से लड़ने में मदद की। 2014 में आप लोगों ने मुझे सांसद चुनकर भेजा। आपका धन्यवाद करने आया तो स्वच्छता का आशीर्वाद दिया। मैंने आप लोगों से मांगा कि काशी को स्वच्छ करेंगे। आप लोगों ने जो स्वच्छता के लिए किया उसका लाभ मिला। बैंक खाते और आयुष के प्रति काम किया।
प्रचलित हुआ योग का महत्व: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में कोरोना से लड़ने में योग का महत्व प्रचलित हुआ। योग और आयुष ने लोगों की ताकत बढाई। महादेव की कृपा से पहली- दूसरी वेव हो लोगों ने धैर्य का परिचय दिया। मेरी काशी के लोग मरीजों बुजुर्गों की परिवार के सदस्य के तौर पर मदद की। खाने की दवा की चिंता नहीं करनी पड़ी। काशी ने खुद को समर्पित किया।लोगों ने दुकानें बंद की खुद आगे आकर। अपने आर्थिक लाभ की चिंता नहीं की बल्कि सेवा में लग गए। मां अन्नपूर्णा की नगरी का स्वभाव और साधना का मंत्र है। आपके तप और प्रयास से महामारी के हमले को काफी हद तक संभाला है। अभी संतोष का समय नहीं है लंबी लड़ाई करनी है। गांव पर जोर देना है। अब नया मंत्र है – ‘जहां बीमार वहीं उपचार’।
माइक्रो कंटेनमेंट जोन में काशी ने बेहतर काम किया: प्रधानमंत्री ने कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन में काशी ने बेहतर काम किया। जोन बनाकर जिस तरह गांव और शहर में घरघर दवाएं बांट रहे हैं आपने मेडिकल किट गांव तक पहुंचाई है इस अभियान को गांव में व्यापक करना है। अब लैब, डाक्टर और ई मार्केटिंग पर काम करना है। टेली मेडिसिन का लाभ मिले। यूपी में सीनियर और युवा डाक्टर टेली मेडिसिन के माध्यम से सेवा कर रहे हैं। कोविड के खिलाफ गांवों में आशा वर्कर और एएनएम बहनों की भूमिका अहम है। इनकी क्षमता और अनुभव का लाभ लिया जाए। पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार का भी कहर लोगों को दुश्वारी देता था। योगी जी संसद तक में इसे उठाते थे और समय के साथ अब सरकार के प्रयास से इस पर लगाम लग चुका है। हमारे योगी जी जब सांसद थे वे पार्लियामेंट में बच्चों की मौत पर रो पड़ते थे। बाद में उन्होंने भारत सरकार और राज्य सरकार के समन्वय से दिमागी बुखार पर नियंत्रण पाया। यह पूर्वांचल के लिए बड़ी बात थी।
हमारी लड़ाई रूप बदलने वाले धूर्त के खिलाफ: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हमारी लड़ाई रूप बदलने वाले धूर्त के खिलाफ है। बच्चों को भी बचाकर रखना है। उनके लिए भी तैयारी करनी है। यूपी के अधिकारियों से बात कर रहा था तो बताया कि पूरी व्यवस्था के लिए यूपी सरकार काम शुरू कर चुकी है। हमारी लड़ाई में ब्लैक फंगस की भी चुनौती है। जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर काम करना है। सेकंड वेव के दौरान प्रशासन ने तैयारी की है। हमें उसी तरह चुस्त दुरुस्त रखना है। लगातार आंकडों पर भी नजर रखनी है। जो अनुभव बनारस में मिले हैं उसका लाभ पूरे पूर्वांचल और प्रदेश को मिलना चाहिए। हमारे डाक्टर अपने अनुभव को जरूर साझा करें। प्रशासन भी सरकार काे दें। अन्य क्षेत्र में भी उसका लाभ मिले। आप लगातार काम कर रहे हैं। कभी कभी जनता के राजी नाराजगी के स्वर सुनने पड़ते हैं। जिस नम्रता से आप जुडे हैं वह मरहम का काम करता है। सभी जन प्रतिनिधियों को जुडने के लिए संतोष प्रकट करता हूं। एक भी नागरिक परेशान है उसकी चिंता अधिकारियों और सरकार तक पहुंचाना और समाधान हमें आगे भी जारी रखना है। हम सबका सामूहिक प्रयास और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशीीजीतेगी। बाबा को प्रणाम करता हूं कि बाबा मानव जाति का कल्याण करते हैं। आप स्वस्थ रहें। आप सभी का धन्यवाद।
फील्ड कमांडर की महती भूमिका: प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण काल को युद्ध की तैयारियों सरीखा बताते हुए कहा कि जैसा कि किसी भी युद्ध में होता है। फील्ड कमांडर की महती भूमिका होती है। कुछ ऐसा ही कोरोना का युद्ध है। कोरोना से युद्ध में फ्रंट लाइन वर्कर ही फील्ड कमांडर हैं। जिला के अन्वेषण से सरकार की पालिसी को ताकत मिलेगी। हम सब मिलकर सोचेंगे तभी जीतेंगे। कोरोना से निपटने के लिए जो भी बेस्ट प्रैक्टिस है उसे शेयर करने से दूसरे का भला होगा।
पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवा का बोझ उठाता है बनारस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवा का बोझ उठाता है। पिछले सात साल में हेल्थ सेक्टर में जो काम हुआ उससे मदद मिली। इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। सेकेड वेव में कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना जादा है। मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। बनारस वैसे भी काशी के लिए ही नहीं पूर्वांचल की स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र है। बिहार के लोग भी काशी पर डिपेंड हैं। ऐसे में यहां के लिए कोरोना चुनौती बनकर आया है। यहां के हेल्थ सिस्टम पर सात सालों में जो काम हुआ उसने हमारा बहुत साथ दिया। बनारस इंटेग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का काम अनुकरणीय है।
सबकी सेवा में जुटे हैं मेरी काशी के लोग: प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जब मुझे सांसद बनाकर बनारस ने भेजा तब धन्यवाद ज्ञापन के समय हमने कुछ देने का वादा नहीं किया बल्कि कुछ मांगा। काशी को स्वच्छ बनाने का लोगों से वादा मांगा। मेरी काशी के लोग सबकी सेवा में जुटे हैं। कई व्यापारियों ने खुद आगे आकर अपनी दुकानें बंद की। यह सेवा भाव किसी को भी अभिभूत कर देगा। मां अन्नपूर्णा की नगरी का यही तो सहज स्वभाव ही है
कमिश्नर ने दिया प्रेजेंटेशन, पांच लोगों से बातचीत : कार्यक्रम के दौरान कोविड की अब तक की स्थिति व रोकथाम की तैयारी को लेकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल प्रेजेंटेशन दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी। इस दौरान डीआरडीओ के ब्रिगेडियर, कैंसर अस्पताल के चिकित्सक, सीएमएस के अलावा फ्रंटलाइन के दो-तीन वर्कर से बातचीत की।
डॉक्टर्स से की बात: प्रधानमंत्री ने वर्चुअल संवाद के दौरान वाराणसी में डीआरडीओ हास्पिटल, बीएचयू के इंचार्ज ब्रिगेडियर डा. केके गुप्ता, भाभा कैंसर हास्पिटल के डा. असीम व मंडलीय हास्पिटल के एसआइसी डा. प्रसन्न कुमार से भी बात की। उनका सुझाव भी मांगा और सुविधा के बारे में भी जाना।
संसदीय क्षेत्र में आयोजन : बीते दो दिन से विभिन्न राज्यों के जिलाधिकारियों के साथ गुरुवार को उत्तर प्रदेश के भी सात डीएम के साथ वर्चुअल संवाद करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कोरोना वॉरियर्स से वार्ता की। कमिश्नरी सभागार में इस दौरान सौ से 120 लोग रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वाराणसी के डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ वर्चुअल संवाद किया। इस बाबत पीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर गुरुवार की रात पोस्ट कर जानकारी दी। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिन में करीब 11 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी के डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत की।
प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की सेकेंड लहर रोकथाम की स्थिति की जानकारी ली। तीसरी लहर को लेकर अब तक हुई तैयारी के बारे में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से बात की। सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ यानी नर्स, वार्ड ब्वाय, एंबुलेंस चालक, फ्रंट लाइन वर्कर व जनप्रतिनिधियों समेत लगभग 120 लोगों को आंमत्रित किया गया था। कार्यक्रम कमिश्नरी आडिटोरियम में आशेजित किया गया था। प्रधानमंत्री रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ की ओर से बीएचयू में स्थापित अस्थायी पंडित राजन कोविड अस्पताल से जुड़े डाक्टरों के अलावा शहर के जाने-माने चिकित्सक व पैरामेडिकल के स्टाफ व फ्रंट लाइन वर्कर्स से बात की। प्रधानमंत्री की बातचीत के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कोविड की रोकथाम की दिशा में तथा तीसरी लहर से बचाव को लेकर जिले में कुछ ठोस कार्य की शुरूआत हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण काल की शुरुआत से ही अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का विशेष ध्यान रखा। बीते वर्ष भी वाराणसी में विशेष तैयारियों पर वह परिचर्चा कर चुके हैं। दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ही वाराणसी में चल रही तैयारियों पर निगाह रखने के लिए विशेष दूत की भी तैनाती की। पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से बातचीत कर उनका मनोबल भी बढ़ाएंगे। इससे पहले भी टीकाकरण के दौरान भी उन्होंने अस्पताल कर्मियों से बातचीत कर कोरोना से संघर्ष के दौरान उनके अनुभव को जाना था।