रायपुर । लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लास का विचार लेकर आने वाले सीनियर IAS आलोक शुक्ला को राज्य सरकार ने पोस्ट रिटायरमेंट संविदा नियुक्ति प्रदान की है। राज्य सरकार ने उन्हें प्रमुख सचिव संसदीय कार्य विभाग बनाया है। हालांकि उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। राज्य सरकार ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है।
डॉ. अलोक शुक्ला पढ़ाई ”तुंहर द्वार जैसे मॉडल” को लेकर आये थे. इस माडल से छत्तीसगढ़ के शिक्षा में सुधार आया है. इस योजना से प्रभावित हो कर सीएम बघेल ने 16 राज्यों के सीएम को पत्र लिख कर ”पढाई तुंहर द्वार जैसे माडल” को सतत जारी रखने की अपील की थी। सीनियर आईएएस डॉ. अलोक शुक्ला सीएम बघेल के बेहद करीब माने जाते है। प्रदेश लॉकडाउन की वजह से आर्थिक मार झेल रहा है ऐस में अलोक शुक्ला का यह मॉडल शिक्षा में विकास के लिए मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
आलोक शुक्ला को आज रिटायर होना था, लेकिन रविवार की छुट्टी की वजह से वो शनिवार को ही रिटायर हो गये। राज्य सरकार ने उन्हें 3 साल की संविदा नियुक्ति दी है। आपको बता दें कि आलोक शुक्ला के पास प्रमुख सचिव स्कूल एजुकेशन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा और रोजगार, कौशल विकास के साथ ही चेयरमैन व्यापम और चेयरमैन माध्यमिक शिक्षा मंडल का चार्ज था।