नई दिल्ली। Share Market Tips: Nifty 15,100 को पार कर गया और उम्मीद के मुताबिक वीकेंड पर 15,220 के स्तर पर बंद हुआ। अब 15,900, 16,600 और 17,500 तक का रास्ता बहुत स्पष्ट हो गया है। हम इस हफ्ते निफ्टी को नई ऊंचाई पर पहुंचते देख सकते हैं। Bank Nifty भी एक दिन में 1,400 अंकों की जोरदार तेजी के साथ 34,800 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी के तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है, जिसने ऋणदाताओं को डिफॉल्ट होने पर प्रमोटरों की व्यक्तिगत गारंटी को भुनाने की अनुमति दी है। यह एक बड़ी बात है। भारत में अब तक कई अपने आप को ईमानदार कहने वाले प्रमोटर्स बैंकों को तो डिफॉल्ट कर रहे थे और खुद भारी संपत्ति अर्जित कर असाधारण और आकर्षक जीवन जी रहे थे।
अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, वे बैंकों को भुगतान करने के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करने पर मजबूर होंगे। अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पिछले कुछ वर्षों में 88,000 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है। अन्य बैंकों ने भी कुल 4-5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की प्रोविजनिंग की है। हम पिछले तीन वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली देख चुके हैं और यह निर्णय बैंकिंग सिस्टम में 3 लाख करोड़ रुपये और ला सकता है।
यह SBI, Axis, HDFC और IndusInd सहित सभी बड़े बैंकों के लिए एक बड़ी सकारात्मक बात होगी। जबकि, PNB, BoB Canara और BoI को केंद्र स्तर पर ले जाने की उम्मीद है। फीसद के हिसाब से देखें, तो पीएनबी, बीओबी, इंडसइंड और एसबीआई में प्रभाव सबसे अधिक होगा।
साल 2020 में इंडसइंड डाउनग्रेड हुआ था और 2,000 रुपये से गिर कर 250 पर आ गया था और हमें विश्वास है कि यह कदम इंडसइंड को 2,000 रुपये की अपनी पुरानी सीमा को फिर से हासिल करने की अनुमति देगा। हम ऐसा होने की उम्मीद कर रहे थे और इसलिए बैंक निफ्टी पर 18,000 के स्तर से लगातार तेजी आई है और हमारे सभी टार्गेट पूरे हुए हैं।
हमारा 35,000 का लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया गया है, जिसकी चर्चा हमने अपनी पिछली रिपोर्टों में की थी। अब, हमारा मानना है कि आने वाले 4 महीनों में निफ्टी 17,500 तक पहुंच जाएगा और हम बैंक निफ्टी को 50,000 पर देख रहे हैं। Karur Vysya Bank और Bank of Maharashtra जैसे छोटे बैंकों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।
हमने आरबीआई द्वारा निजी बैंकों में 51 फीसद प्रमोटर हिस्सेदारी की अनुमति देने की संभावना पर भी चर्चा की थी। स्पष्टता के लिए, हम दोहराते हैं कि कोई भी कंपनी या कारोबारी मौजूदा 15 फीसद प्रमोटर हिस्सेदारी के साथ 4 PSBs नहीं खरीदेगा। जबकि, अगर सरकार इन 4 निजी क्षेत्र के बैंकों को 51 फीसद हिस्सेदारी के साथ बेचती है, तो मौजूदा खिलाड़ी आंदोलन करेंगे और शायद अदालत का रुख करेंगे। इस दृष्टिकोण से भी, हमें लगता है कि IndusInd, Kotak, Karur, CSB और RBL उच्च मांग में होंगे।
हाल ही में BSE तीन लाख करोड़ डॉलर वैल्यूएशन के माइलस्टोन पर पहुंचा है और इसलिए हमें लगता है कि वैल्यूएशन पद्धति को छूना आवश्यक है, जिसको हम market capitalisation to GDP के रूप में फॉलो करते हैं। यह पिछले 2 महीनों में 100 फीसद से 109 फीसद तक सुधरा है, लेकिन अभी भी 149 फीसद से बहुत दूर है, जो साल 2007 में रहा था। यह निफ्टी को 2021 में हमारे 17500 के लक्ष्य तक पहुंचने की पर्याप्त गुंजाइश छोड़ देता है। Profit to GDP मार्च, 2021 में चार साल के उच्च स्तर 2.6 फीसद पर पहुंच गया। निफ्टी 50 कंपनियों की प्रति शेयर आय के लिए आम सहमति अनुमान लॉकडाउन के बावजूद 730 रुपये पर काफी हद तक अपरिवर्तित रहा है।
इसका कारण यह है कि आर्थिक प्रभाव असंगठित क्षेत्र में रहा है और मोटे तौर पर यात्रा और खुदरा जैसी आर्थिक गतिविधियों तक सीमित है। गुजरात पहले ही लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर चुका है। बहुत जल्द, अन्य राज्य जहां संक्रमण की संख्या कम हो रही है, वे भी इसका अनुसरण करेंगे।
महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली और कर्नाटक ही ऐसे राज्य हैं, जहां हम लॉकडाउन को बढ़ते हुए देख सकते हैं, जो पूरे देश को प्रभावित नहीं करेगा। इसलिए कोविड के आंकड़ों, लॉकडाउन की स्थिति और टीकाकरण पर एक निश्चित मात्रा में स्पष्टता है, जिसे बाजार ने माना है। अब 15,000 एक सपोर्ट लेवल है। हालांकि, एक्सपायरी वोलैटिलिटी के कारण गुरुवार को यह 15000 के स्तर के नीचे चला गया, लेकिन हमारे लिए यह केवल खरीदने का एक और मौका था। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम बाजार की दिशा को समझ सकते हैं और बुल मार्केट थंब रूल के अनुसार खरीदारी के लिए सभी आकार की गिरावट का उपयोग कर सकते हैं।
अब तक, निवेशकों ने पिछले 4 हफ्तों से mid caps और small caps में मजबूत तेजी का आनंद लिया है। अब, जब निफ्टी अपने उच्चतम स्तर को पार कर जाएगा, तो ए ग्रुप के शेयर भी मिडकैप और स्मॉलकैप के साथ पार्टी में शामिल होने लगेंगे। Reliance, Tata Steel, Tata Motors, SBI, Infosys, TCS, L&T, HDFC और HDFC Bank एक बार फिर से सुर्खियों में आ जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला NBFC के लिए भी अच्छा होगा। यह नकारात्मक नैरेटिव कि एनबीएफसी में बड़े डिफॉल्ट्स होंगे, अब काम नहीं करेगा। कई एनबीएफसी में भारी शॉर्ट्स है, शेयर 10 से 30 फीसद तक गिर चुके हैं और अब रिकवरी होगी। वहां कोई डिफॉल्ट नहीं होगा। कोविड-10 प्रोविजनिंग भी बाकी है। इस सप्ताह में, हमें विश्वास है कि बैंक और एनबीएफसी के शेयर एक्शन में रहेंगे।
उत्कृष्ट परिणामों की बदौलत Cement sector एक्शन में था। चर्चा के अनुसार, बैंक और एनबीएफसी भी एक्शन में होंगे। लेकिन सरप्राइज पैकेज real estate होगा, क्योंकि DLF के साथ-साथ Oberoi ने भी सुझाव दिया है कि उनके पास छोटे फ्लैटों में बेचने के लिए कोई इन्वेंट्री नहीं है। यहां बड़ी निर्माण कंपनियां भी देखने लायक हो सकती हैं, खासकर HINDUSTAN CONSTRUCTION Co, जिसे हाल ही में ऑर्डर बुक को बढ़ाकर 20000 करोड़ रुपये करने के लिए 2000 करोड़ रुपये का ठेके दिये गए हैं।
इन क्षेत्रों के अलावा, हम Metals का सुझाव भी देते हैं। इसे वापस ऊपर आना होगा, क्योंकि घरेलू और वैश्विक कीमतों के बीच अंतर या मांग में कोई कमी नहीं हुई है। अगर लॉकडाउन हटता है, तो auto में तत्काल डिमांड एक्शन होगा। MARUTI and TATA MO हैरान कर सकते हैं। हालांकि, लॉकडाउन हटा लिया जाएगा, लेकिन सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करना एक जोखिम बना हुआ है। मध्यम वर्ग सार्वजनिक परिवहन का जोखिम उठाने के बजाय वाहन पर 4-5 लाख रुपये खर्च करना पसंद करेगा। यह एक व्यापक धारणा है कि निजी कारों में यात्रा करने से घातक वायरस के संपर्क में काफी कमी आ सकती है।
पेंट-अप डिमांड जून में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी, जो मई में हुए नुकसान की भरपाई करेगी और इसलिए हम निश्चित रूप से पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर देखेंगे। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टिश्यू पेपर की भारी मांग है और CK Birla के स्वामित्व वाले Orient Paper लाभ लेने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है। इस रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े शैक्षिक उद्देश्य के लिए हैं और अगर व्यापक रूप से शोध किया जाए तो इसमें थोड़ा अंतर हो सकता है।