रायपुर। सदन में शुक्रवार को भाजपा विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने चना वितरण में देरी का मामला उठाया. जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अप्रैल से जून तक जो वितरण नहीं हो सका वह नीतिगत निर्णय लेने और योजना की समीक्षा की वजह से वितरण नहीं हो सका.
उन्होंने कहा कि समीक्षा में ये पाया गया कि पिछली सरकार में चना 4876 रुपये प्रति क्विंटल में किया गया हमारे वक़्त में करीब 35 सौ रुपये क्विंटल पर आ गया. 48 करोड़ का फायदा राज्य को हुआ. केंद्र को 15 रुपये प्रति किलो सब्सिडी ली. इस प्रक्रिया की वजह से अप्रैल से जून तक वितरित नही हो सका.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि चना क्यूं नहीं बंटा ये सवाल पूछा गया, जबकि यहां नीतिगत मामलों की बात की जा रही है. अनुसूचित क्षेत्रों और म्हाडा क्षेत्रों में चना का वितरण किया जा रहा है. कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए इसका वितरण किया जा रहा है. मार्च 2019 से 14 जिलों के कुछ उचित मूल्यों के दुकानों में बचे चने का वितरण किया.
मंत्री के बयान से सदन में विपक्षी सदस्यों ने जताई नाराजगी. विपक्ष का सदन में हंगामा. मंत्री पर गुमराह करने का आरोप. बीजेपी सदस्यों ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया.