हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग ( panchang) नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है।
तिथि
अष्टमी( asthami)
08:28 तक
नक्षत्र
उत्तर फाल्गुनी
28:25 तक
करण
बावा
बालवा
08:28 तक
20:26 तक
पक्ष शुक्ल पक्ष
वार बुधवार
योग सिद्धि 27:18 तक
सूर्योदय 05:26
सूर्यास्त 19:12
चंद्रमा सिंह
राहुकाल
12:19 − 14:03
विक्रमी संवत् 2079
शक सम्वत 1944
मास ज्येष्ठ
शुभ मुहूर्त अभिजीत कोई नहीं
पंचांग के पांच अंग तिथि( date)
हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या( amavasya) कहलाती है।