रायपुर। यूं तो बिलासपुर(Bilaspur) शनिचरी बाजार में हमेशा शनिवार (Saturday)को बकरा बाजार लगाया जाता है। लेकिन 10 जुलाई को बकरीद होने के चलते इस बार शनिचरी बाजार में विशेष बकरा बाजार लगाया गया है। यहां अनेक गांव, कस्बों से बकरा व्यापारी विविध नस्ल के बकरे बेचने के लिए पहुंचे है। जहां मुस्लिम समाज के लोग बकरीद (Bakrid)के दिन कुर्बानी देने के लिए अपना मनपसंद बकरा खरीदने पहुंचे। कुछ व्यापारियों(merchants) ने बताया कि कोरोना काल में दो साल तक बकरीद पर्व सादगी से मनाया गया था। इस साल पुन: बकरा बाजार लगाया गया है। बाजार में दर्जनों से अधिक व्यापारी हजारों बकरा लेकर पहुंचे।
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आपको बता दें कि यहां पेंड्रा, मरवाही, रायपुर, कोरबा, उत्तरप्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और ओडिशा से भी व्यापारी बकरा बेचने पहुंचे। बकरों की विविध नस्ल में तोतापरी, जमनापाली, बर्बरी, पंजाब, अजमेरी आदि लोग कुर्बानी के लिए पसंद करते रहे। इनकी कीमत 5 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक रही।व्यापारियों ने बताया कि सफेद, लाल-काले समेत तीन रंगों वाले बकरों की मांग ज्यादा रही। यहां कुछ बकरे चना, बादाम, काजू खाने के शौकीन थे। कुछ खरीदार अच्छी कदकाठी और अलग हटकर दिखने वाले बकरों में दिलचस्पी लेते रहे। बकरों की खरीददारी करने आए लोगों ने बताया कि कुर्बानी के लिए खरीदे जाने वाले बकरे पर काफी ध्यान देना होता है। उसका सींग टूटा न हो, दो दांत हो, कम से कम एक साल का हो, शरीर पर कोई जख्म न हो और तंदुरुस्त हो। इसके बाद ही उसकी कुर्बानी कबूल होती है।