रायपुर। राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, भिलाई में सेंट्रल आईटी डिपार्टमेंट ने कारोबारियों और अफसरों के करीब 3 दर्जन ठिकानांें पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया था। 27 फरवरी से 29 फरवरी तक चले सीबीडीटी की इस कार्रवाई को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था कि कम से कम 100 से 150 करोड़ की रिकवरी सामने आएगी, लेकिन परिणाम सोच के ठीक विपरीत सामने आया है। तीन दिनों तक इन कारोबारियों और अधिकारियों के ठिकानों पर हुई छापेमारी की कार्रवाई के बाद सीबीडीटी के हाथ महज ढ़ाई करोड़ ही लगे हैं। जबकि सेंट्रल आईटी अफसरों की आवाजाही में ही करीब सवा करोड़ रूपए खर्च होने की जानकारी सामने आ रही है। यानी कुल मिलाकर यहां पर खोदा पहाड़, निकली चूहिया वाली कहावत चरितार्थ हो गई है।
उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी को केंद्रीय आयकर विभाग के करीब 150 अधिकारी अलग-अलग राजधानी पहुंचे और फिर 8 से 10 अधिकारियों की टीम अपने साथ सीआरपीएफ के जवानों को लेकर राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर और भिलाई में छापा मारने के लिए निर्धारित ठिकानों पर पहुंची। करीब 20 ठिकानों में एक साथ सीबीडीटी के अधिकारी धड़धड़ाकर घुसे और सभी ठिकानों को अपने कब्जे में ले लिया। करीब तीन दिनों तक यानी 29 फरवरी तक केंद्रीय आयकर विभाग के अधिकारी उन्हीं ठिकानों पर नगद और दस्तावेजों के साथ ही आय-व्यय और जमापूंजी खंगालते रहे।
केंद्रीय आयकर विभाग की इस कार्रवाई को लेकर हंगामों का दौर भी जारी थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस कार्रवाई के बाद सीबीडीटी के अधिकारी छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और कारोबारियों से कम से कम 150 करोड़ की रिकवरी लेकर लौटेंगे, लेकिन सोच धरी की धरी रह गई और तीन दिनों तक जमे केंद्रीय आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ केवल ढ़ाई करोड़ ही लगा।
एक नजर:- कहां से कितनी बरामदगी
- डाॅ. ए. फरिश्ता – 8 लाख 34 हजार
- आमिर अली फरिश्ता – निरंक
- एजाज ढ़ेबर – 9 लाख 15 हजार
- अनवर ढे़बर – 9 लाख 68 हजार 700
- अफरोज अंजुम – निरंक
- विकास अग्रवाल – 1 लाख 31 हजार 240
- अरूण प्रसाद त्रिपाठी – 60 हजार
- यश टूटेजा, निवास – 13 लाख 80 हजार
- देवेन्द्र नगर सेलून – 26 हजार
- विवेक ढांड – 3 लाख 6 हजार
- कमलेश जैन – 42 लाख 37 हजार
- गुरुचरण होरा, निवास – 51 लाख 60 हजार
- ग्रेंड न्यूज, दफ्तर – 51 लाख 45 हजार
- अमोलक सिंह भाटिया – 57 लाख 50 हजार
- सौम्या चैरसिया – जारी है
- ढे़बर दफ्तर – निरंक
- होटल वेलिंगटन कोर्ट – 4 लाख 45 हजार
- ढे़बर स्टील्स – निरंक
- संजय दीवान – 3 लाख
- सिंघानिया स्वर्णभूमि – निरंक