Chhattisgarh Breaking : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में गर्मियों के दिनों में ‘बोरे बासी’ (Bore Basi) सबसे पसंदीदा भोजन में से एक है। राज्य में पहली बार बोरे बासी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। 1 मई यानी मजदूर दिवस (Labour Day) पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने प्रदेशवासियों से बोरे बासी खाने की अपील की है। इसके बाद से ही इसकी तैयारी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के गढ़ कलेवा में भी रोजाना 250 लोगों के हिसाब से बोरे बासी बनाई जा रही है। इस बार मुख्यमंत्री कि अपील पे मजदूर दिवस (Labour Day)को खास अंदाज में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कि अपील पर मजदूर दिवस (Labour Day)के अवसर पर अपने आहार और संस्कृति के गौरव (Diet and Pride of Culture)की अनुभूति के लिए देश-विदेश (home and abroad)के कोने-कोने में बसे राज्य के लोग बोरे-बासी (bore-baasee)खाकर श्रम का सम्मान (respect for labor)करेंगे।
कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने खाया बोरे-बासी
इसी सिलसिले में आज बिलासपुर कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने छत्तीसगढ़ी अंदाज में मजदूर दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ के अपने श्रमिक भाइयों और बहनों को सम्मान दें। जो इस सुपरफूड का सेवन कर पूरी ताकत और शक्ति के साथ राज्य के विकास के लिए दिन-रात काम करते हैं।
#LabourDay2022: बिलासपुर कलेक्टर ने खाया बोरे बासी pic.twitter.com/IwP4lpHcMp
— Pappu Farishta Journalist by birth (@pappu_farishta) May 1, 2022
छग सरकार अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर आज बोरे बासी भोज का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोर बासी खाने की अपील की है। बघेल भी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआइ मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिकों के साथ बोरे बासी खाएंगे। बोरे बासी राज्य की संस्कृति से जुड़ा हुआ है, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में नई पीढ़ी इसे भूल रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य की संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं।
छग सरकार अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर आज बोरे बासी भोज का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोर बासी खाने की अपील की है। बघेल भी रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआइ मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिकों के साथ बोरे बासी खाएंगे। बोरे बासी राज्य की संस्कृति से जुड़ा हुआ है, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में नई पीढ़ी इसे भूल रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य की संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैं।