Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा (Chhattisgarh Pradesh Congress Committee spokesperson Surendra Verma)ने कहा है कि मोदी सरकार (Modi government)की गलत आर्थिक नीतियों के चलते हैं देश में बेरोजगारी और महंगाई (unemployment and inflation)ऐतिहासिक रूप से शिखर पर पहुंच गया है, भुखमरी इंडेक्स में बांग्लादेश और श्रीलंका (Bangladesh and Sri Lanka in Hunger Index)को भी पीछे छोड़ कर देश को रसातल में पहुंचा दिया गया है, मुद्रास्फीति( inflation)और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ऐतिहासिक शिखर(historical peak) पर और मोदी सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुका है, लेकिन अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए संघी और भाजपाई देशभर में नए नए इवेंट (new events)कर रहे हैं।
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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि कोविड के दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब क्रूड आयल की कीमत पानी से भी कम हो गया था, भारतीय रुपए में 1500 प्रति बैरल था (1 बैरल में 159 लीटर) अर्थात 1 लीटर कच्चा तेल ₹9.43 रूपए प्रति लीटर था तब भी मोदी सरकार ने आम जनता को कोई राहत नहीं दिया। एक समय तो अमेरिका के वायदा कारोबार में मई में क्रूड आयल इतिहास में पहली बार -1.43 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया था अर्थात् 0 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई थी उस दौरान भी मोदी सरकार आम जनता की जेब में बेरहमी से डकैती करते रही। भाजपाइयों द्वारा आयल बांड पर पिछली सरकार को दोष देने का आरोप भी पूरी तरह से गैर तथ्यात्मक है। यूपीए सरकार ने 2005 से 2010 तक केवल 1.4 लाख करोड़ के तेल बांड जारी किए थे। अब तक मोदी सरकार के द्वारा ऑयल बॉन्ड के मूलधन की राशि और ब्याज को मिलाकर कुल केवल 71198 करोड़ का भुगतान किया गया है जबकि देश के नागरिकों से इसके एवज में 25 लाख करोड़ रुपए केवल डीजल-पेट्रोल से ही मोदी सरकार ने वसूला है। विगत 7 वर्षों में पेट्रोल पर लगभग 258 प्रतिशत और डीजल पर 820 प्रतिशत सेंट्रल एक्साइज मोदी सरकार ने बढ़ाया है। मोदी सरकार के द्वारा डीजल और पेट्रोल पर कुल संग्रहित कर का लगभग 69 प्रतिशत भाग शेष के रूप में वसूल किया जाता है ताकि राज्यों को उसका हिस्सा न देना पड़े। एक ओर मोदी सरकार तमाम केंद्रीय योजनाओं में अपना केंद्रांश कम करके राज्यांश बढ़ाते जा रही है, दूसरी ओर सेंट्रल एक्साइज कम करके अतिरिक्त सेस लगाए जा रहे हैं, ताकि राज्यों को हिस्सा न देना पड़े। मोदी सरकार की नीतियां आमजन और राज्यों के आर्थिक हितों के विपरीत है। एक तरफ 97 प्रतिशत आम जनता की आय लगातार घट रही है वही प्रधानमंत्री के चंद्र पूंजीपति मित्रों की संपत्ति हर 20 महीने में ढाई गुना बढ़ रही है। मोदी सरकार की नीतियां चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है। देश में असमानता बढ़ रही है, बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई बढ़ रही है, कृषि की लागत बढ़ रही है। किसान, मजदूर और आम जनता बदहाल है। परंतु भाजपाई फिल्म और इवेंट में मस्त हैं।