हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग (Panchang) की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हे।
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दिन (Day) सोमवार
अयन (Ayana) उत्तरायण
ऋतु (Ritu) वसंत
मास (Month) वैशाख
पक्ष (Paksha) शुक्लपक्ष
तिथि (Tithi) पूर्णिमा प्रात:काल 09:43 बजे तक तदुपरांत एकादशी
नक्षत्र (Nakshatra) विशाखा दोपहर 01:18 बजे तक तदुपरांत अनुराधा
योग (Yoga) वरीयान् प्रात:काल 06:18 बजे तक तदुपरांत परिध
करण (Karana) बव प्रात:काल 09:43 बजे तक तदुपरांत बालव
सूर्योदय (Sunrise) प्रात: 05:30 बजे
सूर्यास्त (Sunset) सायं 07:05 बजे
चंद्रमा (Moon) तुला राशि में प्रात:काल 07:54 बजे तक तदुपरांत वृश्चिक राशि में
राहु काल (Rahu Kaal Ka Samay) प्रात:काल 07:12 से 08:54 बजे तक
यमगण्ड (Yamganada) प्रात:काल 10:36 से दोपहर 12:18 बजे तक
गुलिक (Gulik) दोपहर 02:00 से 03:42 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt) प्रात:काल 11:50 से दोपहर 12:45 बजे
दिशाशूल (Disha Shool) पूर्व दिशा में
भद्रा (Bhadra) —
पंचक (Pnachak) —
पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल (Dishashool) , भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं