हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त आदि को देखकर किया जाता है. इन सभी चीजों के बारे में पता लगाने के लिए पंचांग (Panchang) की आवश्यकता पड़ती है. जिसके माध्यम से आप आने वाले दिनों के शुभ एवं अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हें।
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दिन (Day) रविवार
अयन (Ayana) उत्तरायण
ऋतु (Ritu) ग्रीष्म
मास (Month) ज्येष्ठ
पक्ष (Paksha) कृष्ण पक्ष
तिथि (Tithi) चतुर्दशी दोपहर 02:54 बजे तक तदुपरांत अमावस्या
नक्षत्र (Nakshatra) कृत्तिका
योग (Yoga) अतिगण्ड रात्रि 10:54 बजे तक तदुपरांत सुकर्मा
करण (Karana) शकुनि दोपहर 02:54 बजे तक तदुपरांत चतुष्पाद
सूर्योदय (Sunrise) प्रात: 05:24 बजे
सूर्यास्त (Sunset) सायं 07:13 बजे
चंद्रमा (Moon) मेष प्रात:काल 11:16 बजे तक तदुपरांत वृष राशि में
राहु काल (Rahu Kaal Ka Samay) सायंकाल 05:29 से 07:13 बजे तक
यमगण्ड (Yamganada) दोपहर 12:19 से 02:02 बजे तक
गुलिक (Gulik) दोपहर 03:46 से सायंकाल 05:29 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurt) प्रात:काल 11:51 से दोपहर 12:46 बजे तक
दिशाशूल (Disha Shool) पश्चिम दिशा में
भद्रा (Bhadra) रविवार को प्रात:काल 01:59 बजे तक
पंचक (Pnachak) —
पंचांग के पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग एवं करण के साथ राहुकाल, दिशाशूल (Dishashool) , भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchank), प्रमुख पर्व आदि की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।