रायपुर। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नवा रायुपर में गांधी सेवा ग्राम (Gandhi seva gram in Nava Raipur) बसाने जा रही है। महाराष्ट्र के वर्धा की तर्ज पर इस सेवा ग्राम काे तैयार किया जाएगा। जहां पूरा निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक चीजों से किया जाएगा। इस सेवाग्राम का भूमिपूजन (Gandhi seva gram in Nava Raipur) तीन फरवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) करेंगे। सेवा ग्राम में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और आत्मनिर्भर गांव की कल्पना को साकार करने के लिए हर तरह के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम की स्थापना साल 1936 में महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी। वर्धा का ये संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था। गांधीजी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है।
छत्तीसगढ़ी कला की दिखेगी झलक
सेवा ग्राम में छत्तीसगढ़ की विशिष्ट कला और शिल्प कला भी दिखाई देगी। बस्तर, रायगढ़ और अन्य जिलों की अलग-अलग कला जैसे- बेल मेटल, लौह, टेराकोटा, पत्थर, कपड़े और बांस के उपयोग से परिसर को सजाया जाएगा।
गांधीवादी विचारधारा से जुड़ेंगे युवा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) का मानना है कि सेवाग्राम के जरिए युवा गांधीवादी विचारधारा से परिचित होंगे। इस विचारधारा से युवाओं को जोड़कर उनकी ऊर्जा का सकारात्मक दिशा में उपयोग किया जा सकता है। यह केन्द्र देश भर के युवाओं को गांधी दर्शन से परिचित कराने का जरिया बनेगा।
युवाओं को रोजगार गतिविधियों से जोड़ने की योजना
मुख्यमंत्री का मानना है कि युवाओं को रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ना होगा। उन्होंने इसके लिए छत्तीसगढ़ में शुरू किए गए राजीव गांधी युवा मितान क्लब (Rajiv Gandhi Yuva Mitan Club) के सदस्यों को गांधी सेवा ग्राम (Gandhi Seva Gram) से जोड़ने की रणनीति बनाई है।