रायपुर। प्रयागराज (Prayagraj)एवं प्रदेश के अन्य हिस्सों में बुलडोजर (bulldozer)चलाने की कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh)ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में एफिडेविट दाखिल किया है। यूपी सरकार ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई का भाजपा के निलंबित प्रवक्ताओं की ओर से पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad)पर दिए बयान के बाद भड़के दंगों से कोई ताल्लुक नहीं हैं। सरकार ने कहा कि अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई नगर निकाय के नियमों के अनुसार की जा रही है। यही नहीं राज्य सरकार (State government)ने अदालत से मांग की है कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की अर्जी को पेनल्टी के साथ खारिज (rejected)करना चाहिए।
यही नहीं योगी सरकार ने जमीयत की अर्जी को लेकर कहा कि उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर याचिका डाली है। सरकार ने कहा कि उनकी ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। इसलिए उनकी अर्जी खारिज हो जानी चाहिए। सरकार ने साफ कहा कि यूपी में जिन संपत्तियों पर बुलडोजर चला है, वे अवैध थीं। इसके अलावा नगर निगम के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है। दंगों में शामिल होने के चलते ही लोगों पर ऐक्शन नहीं हुआ है। दंगा करने वाले लोगों पर अलग कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
‘जिनके घरों पर बुलडोजर चला, उन्हें दिया जवाब देने का मौका’
योगी सरकार ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में दंगा करने वालों को सजा देने के लिए यह कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार ने कहा कि हमने नगर निकाय के नियमों का पालन करते हुए अवैध निर्माणों को ही ढहाया है। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए उचित मौका भी दिया गया था। अदालत की ओर से 16 जून को दिए गए नोटिस के जवाब में यूपी सरकार ने कानपुर और प्रयागराज में हुए बुलडोजर ऐक्शन को सही ठहराया। बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में 3 जून को कानपुर में हिंसा भड़क गई थी, जबकि 10 जून को प्रयागराज में पत्थरबाजी और तोड़फोड़ हुई थी।
यूपी सरकार बोली- बुलडोजर ऐक्शन का दंगों से संबंध नहीं
कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि अवैध निर्माण को गिराने की इस कार्रवाई का दंगों से कोई संबंध नहीं हैं। इन्हें अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत गिराया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग ऐंड डिवेलपमेंट ऐक्ट, 1972 के नियमों का पालन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- कार्रवाई में न हो नियमों का उल्लंघन
बता दें कि बीते सप्ताह जमीयत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से बुलडोजर वाले ऐक्शन पर जवाब मांगा था। इसके साथ ही बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग से इनकार करते हुए कहा था कि हम अवैध निर्माण पर कार्रवाई को नहीं रोक सकते, लेकिन इसके लिए नियमों का पालन होना जरूरी है। दरअसल प्रयागराज और कानपुर जैसे कई स्थानों पर यूपी सरकार ने बुलडोजर वाला ऐक्शन लिया था, जिसे पैगंबर मोहम्मद विवाद से जुड़ी हिंसक घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन अब अपने एफिडेविट में यूपी सरकार ने दंगों में शामिल होने के चलते लोगों के निर्माण गिराने से इनकार किया है।