देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य राज्यों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आ गया है। चार मामलों की पुष्टि किए जाने के बाद अब देसी जांच किट बनाने की तैयारी की जा रही है।
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बीमारी की जांच में इस्तेमाल किए जाने वाला जांच किट बेहद अहम है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के तहत आने वाली वायरस रिसर्च एंड डायग्नॉस्टिक लैबोरेट्री (वीआरडीएल) ने भी मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों की पुष्टि के लिए आयातित किट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
कोविड-19 के शुरुआती दिनों में देसी किट( kit) तैयार
गोवा की जांच कंपनी मोलबायो डायग्नोस्टिक (Molbio Diagnostics) जांच किट तैयार कर रही है और केंद्र इसे वैधता में मदद करेगा। हमने कोविड-19 के शुरुआती दिनों में देसी किट तैयार करने के लिए कदम उठाए थे और आईसीएमआर ने इसका सत्यापन किया था। हम लोग स्थानीय स्तर पर तैयार जांच किट का भी सत्यापन किया था।
15 से बढ़ाकर 40 वीआरडीएल करने की योजना ( yojana)
इस जांच कीट की कीमतें ज्यादा नहीं बल्कि बहुत ही किफायती होगी। केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच का दायरा बढ़ाने की योजना के तहत इसे आईसीएमआर के मौजूदा 15 वीआरडीएल से बढ़ाकर 40 वीआरडीएल करने की योजना बनाई है ।