National News : जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)से अनुच्छेद 370(Article 370) हटाना कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits)की वर्षों पुरानी मांग थी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government)ने उनके सपनों को साकार किया। इस सियासी घटनाक्रम के बाद कश्मीरी पंडितों की घरवापसी की उम्मीद जगी। कई अपने घर वापस भी आए। कुछ पहले से भी वहां रह रहे थे। यह बात आतंकवादियों(terrorists)को रास नहीं आ रही है। शायद इसलिए वे लगातार निर्दोष हिंदुओं (innocent hindus)को निशाना बना रहे हैं।
घाटी वाले इलाकों में हाल के दिनों में कई टारगेट किलिंग यूं कहे तो हिंदुओं की हत्या की घटना सामने आई है। इससे वहां रहने वाले हिंदू सहम चुके हैं। कुछ जम्मू की तरफ पलायन कर चुके हैं। कुछ परिवारों ने वहां से निकलने मन बना लिया है। सरकार और प्रशासन के लिए इन दिनों सबसे बड़ी चुनौती उनके विश्वास को बनाए रखना है। इसके लिए हाइब्रिड आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करना एकमात्र विकल्प है, लेकिन यह आसान नहीं है।
कश्मीर में हाल के दिनों में जितने भी टारगेट किलिंग की घटना सामने आई है, उनमें अधिकांश में हाइब्रिड आतंकवादियों की भूमिका सामने आई है। पुलिस ने कुछ को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन इनपर लगाम लगाना स्थानीय प्रशासन के लिए आसान नहीं है।
also read: Surajpur News : चट्टान धंसने से दो युवकों की मौके पर हुई मौत
ऐसे लोगों को निशाना बनाने के मिले हैं निर्देश
आतंकवादियों को पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों, नागरिकों, ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मियों, पंचायत सदस्यों और भारतीय समर्थक लोगों सहित सॉफ्ट टारगेट को निशाना बनाने के निर्देश मिले हैं, क्योंकि वे सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला करने में विफल रहे हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि आतंकवादियों, जिनमें ज्यादातर कश्मीर में काम करने वाले पाकिस्तानी शामिल हैं, को जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के तौर-तरीकों को बदलने का काम सौंपा गया है।
आतंकियों ने क्यों बदला तरीका?
सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने में विफल रहने के बाद आतंकवादियों द्वारा तौर-तरीकों में बदलाव किया गया है। वे अब टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए पिस्तौल का उपयोग करते हैं और जनता के साथ मिलकर छोटे हथियारों को आसानी से छिपाते हैं। आतंकवादियों के लिए पिस्तौल जैसे छोटे हथियार ले जाना आसान होता है और लक्ष्य पर हमला करने के बाद ये आतंकवादी आसानी से जनता के साथ घुलमिल जाते हैं जो उन्हें सेना की निगरानी से बचने में मदद करते हैं।
स्थानीय युवाओं को शिकार बना रहे पाकिस्तानी आतंकवादी
पाकिस्तानी आतंकवादी स्थानीय आतंकवादियों की मदद से भावनात्मक युवाओं को निशाना बनाते हैं, उन्हें आतंकवाद का लालच देते हैं, और उन्हें एक निहत्थे व्यक्ति को मारने के लिए एक पिस्तौल आवंटित करते हैं जो संभवतः भारतीय समर्थक हो सकता है।
सुरक्षाबलों के लिए एक गंभीर चुनौती
पिछले 4 महीनों से, कश्मीर घाटी में हिट एंड रन टारगेट किलिंग को अंजाम देने वाले पिस्टल वाले आतंकवादी और हाइब्रिड आतंकवादी सुरक्षा बलों के लिए एक उभरती हुई चुनौती हैं। आतंकवादियों ने छोटे हथियारों से निशाना बनाकर और नागरिकों को निशाना बनाकर अपनी रणनीति बदली है।
सुरक्षा बलों के अनुसार, अधिकांश हाइब्रिड आतंकवादियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं होता है और उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। हालांकि, सुरक्षा बल भी मुस्तैद हैं। हाइब्रिड आतंकवादियों के दर्जनों मॉड्यूल और उनके ठिकाने का भंडाफोड़ किया है। अब तक लगभग 130 पिस्तौल बरामद किए हैं। आपको बता दें कि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए एक हाईलेवल बैठक भी बुलाई है।