हर साल तीन मई को अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। भारत में प्रेस ( press)की स्वतंत्रता भारतीय संविधान(indian constitution) अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है।
हर साल अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तीन मई को यूनेस्को द्वारा ‘गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम( world press freedom) प्राइज’ दिया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 1997 में हुई थी।
क्या है थीम ( theme)
वर्ष 2022 की थीम (Journalism Under Digital Siege) है. इसकी मेजबानी पुंटा डेल एस्टे, उरुग्वे करेगा।
क्यों खास है आज का दिन ( special day)
प्रेस की आजादी के लिए पहली बार साल 1991 में अफ्रीका( africa) के पत्रकारों ने मुहिम छेड़ी थी।
2. प्रेस की आजादी( freedom) के सिद्धांतों को लेकर बयान जारी किया गया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जानते हैं।
3. साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया थाइसका उद्देश्य है- पत्रकारों के साथ हिंसा रुके, उनको लिखने और बोलने की आजादी मिले।
3 मई 1993 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का एलान
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 3 मई 1993 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का ऐलान किया था, ताकि प्रेस( press) की आजादी के महत्व से दुनिया को आगाह कराया जाए। इसका मकसद सरकारों को याद दिलाना है कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकारी की रक्षा और सम्मान करना इसका कर्तव्य है।