जगदलपुर ऑफिस डेस्क
बिना अधिग्रहण और मुआवजा दिए निजी जमीन पर सड़क और नाली बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को नए नियम के अनुसार उचित मुआवजा देने के निर्देश शासन को दिए हैं।
जगदलपुर निवासी मिथिलेश चंद्र दुबे की निजी जमीन पर नगर निगम ने वर्ष 2018 में सड़क और नाली का निर्माण कर दिया इसके लिए ना तो पूरी तरह अधिग्रहण की कार्रवाई हुई ना मुआवजा ही दिया गया इससे परेशान होकर मिथिलेश चंद्र दुबे ने एडवोकेट विवेक चोपड़ा के माध्यम से याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम जगदलपुर को छह माह में विधि अनुरूप अधिग्रहण व मुआवजे की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी निगम ने इस पर अमल नहीं किया और एक रिव्यू पिटीशन लगा दी।
इस स्टेशन पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने नगर निगम जगदलपुर को आदेशित किया कि याचिकाकर्ता को 45 दिन के भीतर भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 के अनुसार माझा प्रदान करें।
इसके साथ ही अदालत का पिछला आदेश पालन ना होने पर 5000 का जुर्माना भी नगर निगम पर लगाया गया था इस मामले में गत सप्ताह चीफ जस्टिस की डिसीजन बेंच ने अंतिम सुनवाई की इसके साथ ही शासन को निर्देशित किया कि शासन के नए नियम के अनुसार ही याचिकाकर्ता को उनकी अधिग्रहित जमीन का मुआवजा प्रदान करें हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार किसी भी व्यक्ति की जमीन मनमाने ढंग से नहीं ले सकती।