वास्तु शास्त्र में हमेशा ऊर्जा को महत्व दिया जाता है। किसी भी जगह की ऊर्जा वहां रखी चीजों से पता चलती है। आज हम बात करेंगे आपके घर में रखा फर्नीचर वास्तु शास्त्र में फर्नीचर का खास महत्व है, यदि घर बनने या घर के अंदर वास्तु अनुरूप फर्नीचर का ध्यान नहीं रखा जाता है तो निगेटिव एनर्जी(negative energy ) का असर जीवन पर पड़ता है। वहीं अगर घर का फर्नीचर वास्तु के अनुसार है तो व्यक्ति जीवन में सुख-समृद्धि और कामयाबी(happiness and success ) हासिल करता है।
-वास्तु शास्त्र के अनुसार फर्नीचर(furniture ) खरीदते समय इसके आकार का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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(keep these things in mind)इन बातों का रखें ध्यान
1 – नया फर्नीचर खरीदने की है तो मंगलवार, शनिवार और अमावस्या के दिन आपको भूल कर भी खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
2 -घर के जिस कमरे के लिए आप फर्नीचर खरीद रहे हों वहां पर जितनी जगह हो उसके हिसाब से ही उतना बड़ा फर्नीचर खरीदना चाहिए , अगर पूरा कमरा फर्नीचर से ही भर जाए तो इससे भी नेगेटिविटी बढ़ने की आशंका रहती है।
3 -शीशम, अशोक, सागवान, साल, अर्जुन और नीम की लकड़ियों से बना फर्नीचर ही खरीदना चाहिए क्योंकि ये शुभ मानी जाती है।
4 – घर का भारी फर्नीचर हमेशा दक्षिण और पश्चिम दिशा में ही रखना चाहिए और घर की उत्तर और पूर्व दिशा को जितना हल्का रखा जाए उतना ही अच्छा रहता है।
5 – हमेशा स्क्वॉयर या रेक्टैंगल शेप का हो. ट्राइएंगल, राउंड या ओवल शेप का फर्नीचर न खरीदें।
6 -जबकि प्लास्टिक(plastic ), लोहे आदि से बने फर्नीचर घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनते है।