West Bengal: पश्चिम बंगाल (West Bengal)के नादिया(Nadia) में नाबालिग लड़की (Minor girl)की मौत (death)की घटना ने राज्य की राजनीति (state politics)में उबाल ला दिया है। सबसे ज्यादा हंगामा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)के बयान को लेकर हो रहा है। ममता बनर्जी के बयान को लेकर उनकी तीखी आलोचना(sharp criticism) हो रही है। एक पत्रकार (Journalist)के सवाल पर उन्होंने कहा था- आपको कैसे पता चला कि उसका रेप हुआ था? या लव-अफेयर का मामला था?
सूबे की सीएम ममता बनर्जी ने रेप की बात को इनकार करते हुए कहा था कि ऐसा दिखाया जा रहा है कि नाबालिग की रेप की वजह से मौत हुई है लेकिन क्या आप इसे रेप कहेंगे? क्या इस पहलू की जांच हुई है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को बीजेपी नेताओं ने शर्मनाक बताया है। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ऐसे बयान के लिए ममता बनर्जी को अपना मुंह ब्लीचिंग पाउडर और फिनाइल से साफ करना चाहिए। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुंह से ऐसी ओछी टिप्पणी की आशा नहीं की जा सकती, ये तो निंदा से भी परे है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस लड़ने वाली वकील सीमा कुशवाहा का कहना है कि उनकी सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश है कि हाईप्रोफाइल नेताओं को ऐसी बयानबाजी से रोकने के लिए सख्त कानून लाने का सरकार को आदेश दे।
कुशवाहा ने कहा, “कानूनन 18 साल से कम उम्र की लड़की की सहमति या असहमति का सवाल ही नहीं उठता। हर हाल में यह रेप है। आरोपी को रेप की सजा मिलेगी।
सीएम जैसे जिम्मेदार पद पर बैठीं ममता बनर्जी का यह बयान संवेदनहीनता की सारी हदें पार करता है। यह बयान उनकी कानूनी ही नहीं, बल्कि सामान्य समझ पर भी सवाल उठाता है।”
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में 14 साल की लड़की का गैंगरेप हुआ। बाद में उसकी मौत हो गई। राजनीतिक रूप से रसूखदार होने की वजह से आरोपी के पिता और सहयोगियों ने आनन-फानन में विक्टिम के परिवार पर दबाव डालकर लड़की का अंतिम संस्कार भी करा दिया।
सीएम ममता बनर्जी ने इस मामले पर सवाल पूछने वाले एक पत्रकार को जवाब दिया, ‘आपको कैसे पता चला कि उसका रेप हुआ? क्या वह प्रेग्नेंट थी? या कोई लव अफेयर का मामला था? उन्होंने यह बात एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कही।
निर्भया रेप केस और हाथरस रेप पीड़िता की वकील सीमा कुशवाहा कहती हैं, “ऐसे बयान आते ही रहते हैं। सोसाइटी में महिलाओं के खिलाफ तो ऐसा परसेप्शन है ही कि रात में निकलना, छोटे कपड़े पहनना, लड़कों के साथ उठना-बैठना, रेप की वजह है।
लेकिन अगर कोई नेता या अन्य प्रभावी व्यक्ति महिलाओं की मॉडेस्टी या गरिमा भंग करने वाला बयान देता है तो उनको सजा देने के लिए कोई कानून नहीं है। यह हमारे देश की विडंबना है।”
पहचान उजागर करने पर हो सकता है केस
कुशवाहा कहती हैं, “रेप विक्टिम की पहचान अगर डिस्क्लोज करते हैं तो उसके लिए एक कानून है। 288A के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, जैसे दिल्ली में एक रेप केस में राहुल गांधी ने पीड़िता की फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी थी। ऐसे मामले कार्रवाई के दायरे में आते हैं, लेकिन गरिमा भंग करने वाले के खिलाफ हमारे पास कोई कानूनी हथियार नहीं है।”
सियासी कनेक्शन से मामला हाईप्रोफाइल
4 अप्रैल को नादिया जिले के हांसखली में रेप का मामला सामने आया था। आरोपी टीएमसी के पंचायत सदस्य का बेटा था। आरोपी के पिता एक ग्राम पंचायत के सदस्य हैं। टीएमसी नेता होने की वजह से उनके राजनीतिक कनेक्शन भी हैं। जानकारी के मुताबिक विक्टिम को आरोपी ने बर्थडे सेलिब्रेशन में बुलाया था। आरोप है कि टीएमसी नेता के बेटे ने उसके साथ गैंगरेप किया। वहां लड़की की तबीयत खराब हो गई। उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। रास्ते में उसकी मौत हो गई।
घर वालों का आरोप है कि लड़की की मौत बहुत ज्यादा खून बहने की वजह से हुई। उनका आरोप है कि उनकी बेटी के साथ टीएमसी लीडर के बेटे ने गैंगरेप किया। उनका यह भी कहना है कि आरोपी के पिता और दूसरे पार्टी कार्यकर्ताओं ने जबरन लड़की का अंतिम संस्कार भी करा दिया।