शरणार्थियों के साहस और शक्ति को सम्मानित करने के लिए दुनिया भर में 20 जून का दिन वर्ल्ड रिफ्यूजी डे के रूप में मनाया जाता है।बता दें कि राष्ट्र ने यह दिन उन शरणार्थियों को समर्पित किया है, जिन्हें उनके घर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया था।इस दिन को मनाने का मकसद है नए देशों में शरणार्थियों के लिए सहानुभूति और सही सोच का निर्माण करना।
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हर साल वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाने का मकसद शरणार्थियों को विश्व में पहचान दिलवाना है। साथ ही इनकी मदद के लिए राजनैतिक इच्छा जगाने के लिए प्रेरित करना है। शरणार्थी दसरे देशों में जाकर खुद के जीवन को दोबारा से बना सकें, इसके लिए राजनीतिक इच्छाओं का जागना बेहद जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ऑफिशियल तरीके से 20 जून के दिन को वर्ल्ड रिफ्यूजी के रूप में चिन्हित किया।
इस बार की थीम ( theme)
मांगने का अधिकार है. “Whoever. Wherever. Whenever. Everyone has the right to seek safety.”
क्या है इतिहास ( history)
यह दिन सबसे पहले 20 जून 2001 को मनाया गया था।इस दिन का जश्न 1991 की रिफ्यूजी समझौते की 50 वीं वर्षगांठ पर मनाया गया था। ऐसे में 2001 के बाद से हर साल 20 जून को वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाने लगा।