रायपुर। कोरोना संक्रमण के बीच जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होता जा रहा है, बावजूद इसके आवागमन शुरू नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवागमन शुरू नहीं होने की वजह से लोगों का व्यापार-व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने सभी 27 जिलों में 25 अगस्त से धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। इसी बीच परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के बड़े भाई के असामयिक निधन होने की वजह से छत्तीसगढ़ परिवहन संघ ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। यातायात महासंघ आंदोलन की नई रूपरेखा अब 27 अगस्त को तैयार करेगा।
गौरतलब है, राज्य सरकार ने सभी जिलों में छह अगस्त से लॉकडाउन खोलने की अनुमति दी है। प्रदेश के अनलॉक होने के बाद से ही यातायात महासंघ ने यात्री परिवहन में घाटा होने का हवाला देते हुए बसों का संचालन करने से इनकार कर दिया। साथ ही आठ सूत्रीय मांगें माने जाने के बाद ही बसों का संचालन करने की बात कही।
इसी बीच छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के नेताओं ने परिवहन मंत्री से संपर्क कर उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी। परिवहन मंत्री ने बस संचालकों को उनकी मांगों पर विचार कर एक सप्ताह के अंदर समस्याओं के निराकरण करने का समय दिया था। एक सप्ताह बाद भी परिवहन मंत्री तथा परिवहन विभाग द्वारा किसी तरह से जवाब नहीं मिलने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी।
आवागमन के लिए एकमात्र सहारा बस
छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क कम होने की वजह से यहां लोगों के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बस मार्ग से यात्रा करना एकमात्र सहारा है। बसों का संचालन नहीं होने की वजह से राज्य के लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही निजी वाहन किराया लेकर यात्रा करने पर लोगों को भारी-भरकम खर्च वहन करना पड़ रहा है।
अंतर्राज्यीय बस संचालन के बाद बढ़ेगी परेशानी
गौरतलब है, केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के गृह सचिव को एक पत्र जारी कर अंतर्राज्यीय बस संचालन करने पर किसी तरह से रोक नहीं लगाने की बात कही है। ऐसे में अंतर्राज्यीय बस चलने के बाद दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों को यहां परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दूसरे प्रदेश से आने वाले यात्री को राज्य के किसी दूसरे शहर के अंदरूनी इलाकों में जाने बस नहीं मिलने से बाहर से आने वाले यात्री को यहां परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
महासंघ की तीन मांग पर जोर
राज्य में महीनों से बसों के पहिए थमने की वजह से बस संचालकों काे बसों की बैंकों में किस्त जमा करना भारी पड़ रहा है। साथ ही बस खड़ी होने से हजारों की संख्या में बसों में काम करने वाले कामगार बेगारी का दंश झेल रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए बस संचालक अपनी आठ सूत्रीय मांग की जगह राज्य सरकार से फौरी तौर पर तीन मांगें, जिनमें बसों का किराया भाड़ा बढ़ाने, मार्च 2021 तक रोड टैक्स माफ करने तथा स्लीपर सीट की डबल की जगह सिंगल टैक्स लेने की मांग कर रहे हैं।
पांच राज्यों का टैक्स घटाने का दावा- यातायात महासंघ ने दावा किया है कि आवागमन को सुव्यवस्थित करने तथा बस ऑपरेटरों को नुकसान से उबारने के लिए पंजाब, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान तथा गोवा सरकार ने रोड टैक्स माफ करने के साथ यात्री किराया भाड़ा में बढ़ोतरी करने आदेश जारी कर दिया है।
27 को विचार करेंगे
सभी जिलों में बस ऑपरेटर शासन से राहत देने की मांग करते हुए 25 अगस्त को धरना प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन परिवहन मंत्री के घर गमी होने की वजह से आंदोलन स्थगित कर दिया है। आंदोलन की नई रूपरेखा बनाने बस ऑपरेटर 27 अगस्त को विचार विमर्श करेंगे।
– सैयद अनवर अली, उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ