रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के कहर के चलते सरकार ने लॉकडाउन का फैसला लिया है। मगर इसबार लॉकडाउन का स्वरूप बदला रहेगा। इस दफे प्रदेश के जिलों में कंटेनमेंट जोन के हिसाब से लॉकडाउन लगाया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनकी टीम ने लिया है। लॉकडाउन लगाने का सबसे बड़ा कारण कोरोना की वजह से प्रदेश में लगातार हो रही मौत है।
सूत्रों की माने तो बैठक में यह बात प्रमुखता से उठा कि कोरोना से निपटने के लिए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाया जाए ताकि राजधानी रायपुर सहित प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाम कसा जा सके। बैठक में यह सुझाव भी दिया गया कि अब कोरोना संक्रमित मरीज मिलने पर पूरे इलाके को बंद न करते हुए केवल पीडि़त मरीज व उसके घरों के आसपास के इलाके को ही बंद किया जाए।
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इस पर बताया गया कि वर्तमान में यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है, इसके बाद भी संक्रमण का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। इस पर कुछ लोगों ने सलाह दी कि जिन वार्डों में मरीजों की संख्या अधिक होगी उस पूरे वार्ड को ही कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए बंद किया जाए। बैठक में राजनांदगांव मॉडल को अपनाने का सुझाव भी आया, राजनांदगांव में संपूर्ण नगरीय निकाय क्षेत्र को ही कंटेनमेंट घोषित करते हुए बंद किया गया था।
मुख्यमंत्री बघेल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी,जिला पंचायतों के सीईओ, नगर निगम के आयुक्तों और मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों से बैठक में जिलेवार अस्पतालों, कोविड सेंटर और आइसोलेशन केंद्रों में उपलब्ध और ओक्यूपाइड बिस्तरों की संख्या, सिंप्टोमेटिक और एसिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या, जिलेवार प्रतिदिन औसत टेस्ट क्षमता, जांच रिपोर्ट में लगने वाले समय, रैपिड टेस्ट और आर टी पी सी आर टेस्ट की संख्या, पिछले 7 दिनों का दैनिक विवरण, दोनों प्रकार के टेस्टों के परिणामों, ऑक्सीमीटर की उपलब्धता, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, आईसीयू और वेंटिलेटर की उपलब्धता, कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली की जानकारी ले रहे है।
मुख्यमंत्री निवास से मुख्य सचिव आर पी मंडल , मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव मती रेणु पिल्लई, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सु सौम्या चौरसिया शामिल हुई।
मुख्यमंत्री निवास में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चल रही समीक्षा बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, महिला एवं बाल विकास मंत्री मती अनिला भेड़िया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े।