नई दिल्ली। अमेरिका ने अपने लॉन्च होने वाले स्पेसक्राफ्ट का नाम भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा है। यह भारत और भारतीयों के लिए सम्मान की बात है। दरअसल अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन ने सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला के नाम पर रखा है। यह स्पेसक्राफ्ट इस महीने की 29 तारीख को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में छोड़ा जाएगा।
17 साल पहले कल्पना बनी थीं अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला
कल्पना चावला 16 जनवरी, 2003 को अमेरिकी अंतिरक्ष यान कोलंबिया के चालक दल के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं। 01 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिनों का सफर पूरा करने के बाद वापसी के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय और निर्धारित लैंडिंग से सिर्फ 16 मिनट पहले साउथ अमेरिका में अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया और कई टुकड़ों में बंटकर नष्ट हो गया। इस हादसे में कल्पना चावला समेत सभी चालक जान गंवा बैठे थे। तीन साल बाद सुनीता विलियम्स 2006 में भारतीय मूल की दूसरी अंतरिक्ष यात्री बन गईं।
‘कल्पना चावला का मानव अंतरिक्ष यान में स्थायी योगदान है’
इस स्पेसक्राफ्ट के निर्माता नॉर्थरोप ग्रूममैन ने एक ट्वीट में घोषणा की है कि आज हम कल्पना चावला का सम्मान करते हैं, जिन्होंने नासा में भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास बनाया है। उन्होंने कहा कि मानव अंतरिक्ष यान अभियान में उनके योगदान का सकारात्मक और स्थायी प्रभाव पड़ा है। मिलिए हमारे अगले सिग्नस यान एस. एस. कल्पना चावला से। ‘
‘अंतरिक्ष अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले के नाम रखते हैं यान का नाम’
ग्रूममैन ने कहा कि यह कंपनी की परंपरा है कि प्रत्येक सिग्नस का नाम एक ऐसे शख्स के नाम पर रखा जाए जिसने मानव अंतरिक्ष यान अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। कल्पना चावला को अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के रूप में इतिहास में उनके अहम स्थान के सम्मान में चुना गया था।
Today we honor Kalpana Chawla, who made history at @NASA as the first female astronaut of Indian descent. Her contributions to human spaceflight have had a lasting impact. Meet our next #Cygnus vehicle, the S.S. Kalpana Chawla. Learn more: https://t.co/LBjGbl2Tbv pic.twitter.com/5pVAxaujRb
— Northrop Grumman (@northropgrumman) September 8, 2020
गौरतलब है कि 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में कल्पना का जन्म हुआ था। उन्हें आकाश से इतना प्यार था कि वह बचपन से ही हवाई जहाज के चित्र बनाती थीं। 20 साल की उम्र में वह अमेरिका चली गईं और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर नासा में काम करना शुरू कर दिया। उन्हें पहली बार 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला। उनके काम से खुश होकर नासा ने उन्हें फिर 16 जनवरी 2003 को अंतरिक्ष में भेजा।