मुंबई। पिछले कुछ दिनों से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। ऐसे में बुधवार सुबह से कंगना सुर्खियों में भी बनी रहीं और वजह था, उनका मुंबई स्थित ऑफिस। बीएमसी ने बुधवार सुबह कंगना रनौत के मुंबई ऑफिस पर कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया था। ऐसे में कंगना ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई तो उच्च न्यायालय ने बीएमसी से मुंबई में कंगना रनौत के बंगले को गिराने की कार्रवाई रोकने को कहा। बंबई हाई कोर्ट ने बीएमसी से कंगना की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा है। इस बीच हम आपको बताते हैं कि कंगना रनौत को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी दोबारा काफी कुछ लिखा गया है।
कंगना रनौत ने हाल ही में मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की थी। इसका जवाब देते हुए मुखपत्र सामना में लिखा है, “मुंबई किसकी? यह सवाल कोई न पूछे। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी और देश का सबसे बड़ा आर्थिक लेन-देन का केंद्र भी है। इसी मुंबई के लिए 106 मराठी लोगों ने बलिदान दिया है। मुंबई ईमान से रहने वाले सब लोगों की है। मुंबई की तुलना ‘पाक अधिकृत’ कश्मीर से करना और मुंबई पुलिस को माफिया बोलकर खाकी वर्दी का अपमान करना बिगड़ी हुई मानसिकता के लक्षण हैं।”
सामना के संपादकीय में आगे यह भी लिखा गया है, ‘जो लोग महाराष्ट्र के बेईमानों के साथ खड़े हैं, उन्हें 106 शहीदों की बददुआ तो लगेगी ही। साथ ही, राज्य की 11 करोड़ जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी। छत्रपति शिवराज के महाराष्ट्र पर नशे की पिचकारी फेंकने वाले को केंद्र सरकार विशेष सुरक्षा का सम्मान दे रही है।’ याद दिला दें कि हाल ही में कंगना को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है और 10 सशस्त्र कमांडों उनकी सुरक्षा करेंगे।
मुखपत्र में आगे कंगना की वाई- प्लस श्रेणी सुरक्षा का जिक्र बिना नाम करते हुए केंद्र पर निशाना साधते हुए लिखा गया, ‘महाराष्ट्र की 11 करोड़ मराठी जनता और मुंबई का अपमान मतलब देशद्रोह जैसा अपराध है। लेकिन जब ऐसा अपराध करने वाले लोगों के साथ राष्ट्रभक्त मोदी सरकार का गृह मंत्रालय सुरक्षा कवच देकर खड़ा होता है, तब हमारे 106 शहीद स्वर्ग में आंसू बहा रहे होंगे।’