साल 1962 में लता मंगेशकर को  स्लो प्वॉइजन यानी ज़हर दिया गया था. इस वक़्त लता 32 साल की थीं. लता की बेहद करीबी पदमा सचदेव ने इसका जिक्र अपनी किताब ‘Aisa Kahan Se Lauen’में किया है.हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है.