रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस में बतौर आरक्षक पदस्थ शंकर नायक, जो ना तो किसी संपन्न परिवार से है और ना ही कोई कारोबारी। बस लगन और मेहनत के साथ ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाला यह युवा शख्स, गरीबी और मुफलिसी में जीवन जीने वालों का मसीहा बन गया है। पुलिस की नौकरी के बावजूद भी वह ऐसे लोगों तक पहुंच रहा है, जिनके पास दो वक्त की रोटी की भी व्यवस्था नहीं है। वह ऐसे लोगों को दिवाली अच्छे से मना सके, इसलिए पर्याप्त धनराशि की मदद कर रहा है।
सुनने और देखने में मानो ऐसा लगेगा कि वर्दी की आड़ में यह आरक्षक राॅबीनहूड बनकर दूसरों से रिश्वत लेकर लोगों में बांटता फिर रहा है, लेकिन वास्तविकता इससे कहीं परे है। ना तो यह रिश्वत लेने वालों में से और ना ही यह शख्स राॅबीनहूड है। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाला यह पुलिसवाला, सही मायने में मेहनत का धनी है और सच्चा दरियादिल है।
दरअसल, आरक्षक शंकर नायक ने यूट्यूब को अपनी अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया, खूब मेहनत की, वीडियो पर वीडियो बनाता गया और आज इस मुकाम पर पहुंच गया कि यूट्यूब ने उसे पहली कमाई दिवाली से पहले भेज दी है। इस पैसे को उसने अपने शानो-शौकत को पूरा करने में उड़ाने के बजाय, ऐसे लोगों तक मदद पहुंचाने की ठान ली, जो वास्तव में जरूरतमंद हैं।
आरक्षक शंकर नायक की इस कोशिश की जितनी भी सराहना की जाए, सही मायने में कम है। क्योंकि वह पुलिस के जिस पद में कार्यरत है, उसकी तनख्वाह इतनी नहीं होती है कि वह लोगों को मदद कर पाए। पर कहा जाता है, जहां चाह होती, वहीं राह होती है।
शंकर नायक अपनी जिद का मालिक है। जिद भी ऐसी कि वह मुफलिसों की मदद करना चाहता है, उनके बीच खुशियां बांटना चाहता है, तो भला ईश्वर भी उसकी इच्छा को कैसे रोक देते। उसने जिन लोगों की मदद की, हर किसी का आशीर्वाद शंकर को मिला है, जो उसकी तरक्की के नए सोपान गढ़ने में मदद करेगा।
धन-दौलत लेकर हमारे प्रदेश में रईसों की फेहरिस्त में शुमार लोगों की कमी नहीं है, लेकिन शंकर जैसे रईस लोगों की लिस्ट बहुत छोटी है। पर ऐसे लोगों की सराहना करने वालों की सूची को जरूर बढ़ाया जा सकता है, ताकि और लोग भी जरूरतमंदों की मदद के लिए दो कदम बढ़ा सकें और शंकर जैसे लोगों का मनोबल बढ़ता रहे।
https://youtu.be/4Mye9lWimA4