पश्चिम बंगाल में ऐन विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवाल मच गया है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी का पूरा कार्यकाल विवादों में रहा है, लेकिन इन दिनों बंगाल में जिस तरह के हालात बने हैं, उसे देखकर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का कयास लगने लगा है। ठीक एक दिन पहले राज्यपाल जगदीप धनगढ़ ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री आग से ना खेलें। वहीं संविधानिक पद को लेकर भी उन्होंने टिप्पणी की थी।
विदित है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा नेताओं पर हमले करने के आरोप आए दिन लग रहे हैं। इस बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ है। इसके साथ ही राज्य की मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच भी जुबानी जंग लगातार तीखी होती जा रही है। शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य के बेहद खराब हालात पर वे केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आग से न खेलें। राज्यपाल के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में चुनाव से ऐन पहले राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
… तो पांचवी बार होगा
बंगाल में आखिरी बार 29 जून 1971 को राष्ट्रपति शासन लगा था। नई विधानसभा के गठन के बाद 20 मार्च 1972 को ये राष्ट्रपति शासन हटा। कुल मिलाकर बंगाल में अब तक चार बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। पहली बार 1 जुलाई 1962 को नौ दिन के लिए, दूसरी बार 20 फरवरी 1968 में करीब एक साल के लिए और तीसरी बार 19 मार्च 1970 में करीब एक साल के लिए राष्ट्रपति शासन लगा।