हरियाणा में नए साल 2021 की पहली सुबह कैदियों के लिए बड़ा तोहफा लेकर आई है। प्रदेश की प्रमुख जेलों में रेडियो स्टेशन बनाए जाएंगे। कैदी इन रेडियो स्टेशनों को चलाएंगे। वे ही रेडियो जॉकी होंगे और वे ही पत्रकार बनेंगे। साथ ही जेल के अंदर की खबरें लोगों तक पहुंचाएंगे। फरमाइशें पूरी करके श्रोताओं का मनोरंजन भी करेंगे। यह ऐतिहासिक कदम श्तिनका-तिनका फाउंडेशनश् की ओर से उठाया जा रहा है और प्रदेश पुलिस विभाग भी इस मुहिम में साथ है।
वहीं इस पहल के पीछे का मकसद कैदियों का मनोरंजन करना और उन्हें समाज की अहम कड़ी से जोड़े रखना है। इन जेल रेडियो को ज्श्रत् यानी तिनका जेल रेडियो नाम दिया जाएगा। इसकी शुरुआत अंबाला, पानीपत और फरीदाबाद जेलों से हो रही है। पानीपत के 5, अंबाला के 6 और फरीदाबाद जेल में 10 कैदियों को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। इसके अलावा फाउंडेशन की ओर से जेलों में कैदियों के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं।
प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर में ऑडिशन लेकर तीनों जिलों की जेलों से 21 कैदियों का चयन किया गया था। इनमें फरीदाबाद जेल की 5 महिला कैदी भी शामिल हैं। इन्हें तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने ट्रेनिंग दी है। जेल परिसर में रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा। बाहर के लोग इससे नहीं जुड़ सकेंगे। बैरक के बाहर लगे स्पीकर के जरिए रेडियो सुना जाएगा। इसमें रोजाना एक घंटे का कार्यक्रम होगा।
कानून, सेहत और संगीत से जुड़े विषय होंगे
कार्यक्रम में कानून, सेहत और संगीत से जुड़े विषय होंगे। कैदी अपनी कविताएं और कहानियां भी सुना सकेंगे। अपनी फरमाइश या सवाल लिखकर दे सकेंगे, जिसका जवाब अगले कार्यक्रम में दिया जाएगा। जेल में कलाकारों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जो जेल रेडियो में अपनी भागीदारी करेंगे। खास बात यह है कि तीनों जेल के कैदियों ने ही परिचय गान और धुन तैयार की है।
ट्रेनिंग का समापन फरीदाबाद जेल में किया गया और इस दौरान हरियाणा के जेल महानिदेशक के. सेल्वाराज, जिला जेल फरीदाबाद के अक्षीक्षक जयकिशन छल्लर, केंद्रीय जेल अंबाला के सुपिरिटेंडेट लखबीर सिंह बरार और जिला जेल पानीपत के अधीक्षक देवी दयाल जूम पर मौजूद रहे। सभी प्रतिभागी बंदियों को सर्टिफिकेट भी सौंपे गए। ऐसे रेडियो स्टेशन पूरे प्रदेश की जेलों में स्थापित करने की योजना है। हरियाणा के जेल महानिदेशक के. सेल्वाराज ने इस कदम की तारीफ की है।
तिहाड़ जेल में हुई थी शुरुआत
बता दें कि जेल रेडियो की शुरुआत सबसे पहले 2013 में तिहाड़ जेल दिल्ली में हुई थी। 31 जुलाई 2019 को तिनका तिनका ने जिला जेल आगरा में जेल रेडियो की शुरुआत की थी, जो भारत की सबसे पुरानी जेल इमारत में संचालित है। इस जेल रेडियो की शुरुआत में उदय और तुहिना नामक दो कैदी जुड़े। आगरा जेल रेडियो ने उत्तर प्रदेश में पहली बार एक महिला कैदी को रेडियो जॉकी के तौर पर स्थापित किया था।
गौरतलब है कि हरियाणा में 19 जेल हैं, जिनमें 3 सेंट्रल और 16 जिला जेल शामिल हैं। फिलहाल हरियाणा की जेलों में कुल 20 हजार 423 कैदी हैं, जिनमें 900 से अधिक महिला कैदी शामिल हैं।