अंबिकापुर। मवेशी चरा रहे वृद्ध पर भालू ने अचानक हमला कर दिया। भालू के हमले से बगैर विचलित हुए वृद्ध ने धैर्य और साहस का परिचय देते हुए अपने पास रखें टांगी और डंडे से भालू पर प्रहार करना शुरू किया। दो बार वह सुरक्षित बच निकला लेकिन तीसरी बार भालू ने उसे जख्मी कर दिया, इसके बावजूद वृद्ध ने हिम्मत नहीं हारी और भालू से संघर्ष जारी रखा। आखिरकार भालू को वहां से भागना पड़ा। खून से लथपथ वृद्ध घर पहुंचा तो स्वजनों ने उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
अंबिकापुर के विकासखंड उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम पलका निवासी पदुम साय 67 वर्ष सोमवार को बैल चराने पंडरीपानी के बघधारा डुग्गू जंगल में गया हुआ था। इसी दौरान शाम को जंगल की ओर से आए एक भालू ने वृद्ध को दौड़ाकर पकड़ लिया। वृद्ध हाथ में रखे डंडे से वारकर बमुश्किल किसी तरह अपने आप को बचाने की कोशिश करने करता रह, दो बार तो वृद्ध भालू के हमले से बचने में सफल रहा। तीसरी बार फिर से भालू ने वृद्ध को दौड़ाना प्रारंभ किया वृद्ध का पैर पत्थर में पड़ने पर वह जमीन पर गिर गया तब भालू ने जांघ के ऊपर पिछले हिस्से को बुरी तरह नोच डाला। पदुम साय ने फिर भी हार नहीं माना और हिम्मत करके लाठी डंडे और हाथ में रखे टांगी से किसी तरह भालू पर वार कर उसे भगाया।
उसका उपचार जारी है। घटना की सूचना पर वन अमला द्वारा त्वरित कार्रवाई कर स्वजनों को वृद्ध के उपचार हेतु प्रारंभिक सहायता सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। वृद्ध ने बताया कि भालू के हमले के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और लगातार उसका सामना किया जिस कारण उसकी जान बच सकी। भालू पर भी उसने टांगी और डंडे से लगातार प्रहार जारी रखा तब जाकर भालू वहां से भाग निकला।