रायपुर। राष्ट्रीय महिला आयेाग नई दिल्ली कार्यालय में एक फरवरी को सभी राज्यों के महिला आयोग की अध्यक्षों का सेमीनार हुआ। इस सेमीनार में राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य ने कोविड लाकडाउन के दौरान इतनी बड़ी संख्या में जनसुनवाई नहीं किया, जितना छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने इस महामारी के दौरान किया।
कोविड-19, लाकडाउन के समय छत्तीसगढ़ में पुलिस और प्रशासन का जो सहयोग जनसुनवाई में मिला है, ऐसा पूरे देश के किसी भी राज्य को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में महिला आयोग की जन सुनवाई में सभी जिले के कलेक्टर (जिला प्रशासन), पुलिस अधीक्षक, (पुलिस प्रशासन ) का सहयोग मिलता है। महिला आयेाग के निर्देशों का कड़ाई से पालन छत्तीसगढ़ में किया जाता है।
महिलाओं की शिकायतों के निराकरण में जिस तरह पुलिस और प्रशासन तत्परता से काम कर रही हैं, वैसा पूरे देश में कहीं नहीं हो रहा है। महिलाओं के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार सजग और संवेदनशील है। उन्होंने देश के अन्य राज्यो के महिला आयोग के द्वारा अपने राज्यों के कार्याें को ही बताये जाने पर राष्ट्रीय महिला आयेाग ने आपत्ति भी किया कि अपने महिला आयोग के कार्याें से लोगो को अवगत कराएं।
इससे आपके काम प्रभावित नहीं होता है, जैसे कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग बिना सदस्य के काम कर रही है। छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने अब तक पांच महीनों में 44 जन-सुनवाई में 1100 प्रकरणों की सुनवाई की है जिसमे लगभग 400 मामलों का निराकरण किया गया है। इसकी जानकारी आयोग अध्यक्ष डाक्टर किरणमयी नायक ने दिया।
डाक्टर किरणमयी नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राज्य महिला आयोग को बहुत ज़्यादा शक्ति प्रदान किया है और उनके दिशा निर्देशों पर ही समस्त पुलिस और प्रशासन से सहयोग लेकर तीव्र गति से महिलाओं को न्याय देने में आयोग तत्परता से काम कर रहा है।