नई दिल्ली। साल 2019 के आखिरी समय में दुनिया ने एक ऐसी बीमारी देखी, जिसके बाद नई बीमारी का नाम सुनकर ही लोगों की चिंताएं कई गुना बढ़ जाती हैं। यह बीमारी कोई और नहीं, बल्कि कोरोना वायरस महामारी थी। इस महामारी ने दुनिया के करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लाखों लोगों की मौत हो गई। अब एक ऐसी रहस्यमयी बीमारी सामने आई है, जिससे लोगों को खून की उल्टियां होने लगती हैं और कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो जाती है। तंजानिया में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं और अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं, 50 लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। बीमारी के सामने आने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और पानी के नमूनों की जांच की जा रही है।
कुछ ही घंटों में मर गए कई मरीज
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कुछ मरीजों, जिसमें ज्यादातर पुरुष हैं, की मृत्यु म्बीया क्षेत्र में बीमारी के लक्षण दिखने के कुछ घंटों के भीतर हो गई। ग्रामीण चूनया जिले की चीफ मेडिकल ऑफिसर फेलिस्टा किसांडू ने कहा कि बीमारी की वजह का पता लगाने के लिए एक्सपर्ट की टीम को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ”अभी यह अन्य जगहों पर नहीं फैली है। अभी यह इफुम्बो के सिर्फ एक प्रशासनिक वार्ड में हुआ है, जहां लोग खून की उल्टी करते हैं और अस्पताल ले जाते समय मर जाते हैं।” चीफ मेडिकल ऑफिसर ने आगे बताया कि बीमारी के कारण की पहचान अभी तक नहीं की गई है, लेकिन तंजानिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे महामारी बताने से इनकार किया है।
सरकार मांग रही मरीजों के खून के नमूने
बीमारी के सामने आने के बाद तंजानिया की सरकार भी काफी सतर्क हो गई है। वह इस बीमारी की चपेट में आए मरीजों के खून और स्थानीय पानी के नमूने मांग रही है, ताकि आगे की टेस्टिंग व अन्य जानकारी जुटाई जा सके। किसांडू ने आगे बताया कि शुरुआती टेस्ट्स में पता चला है कि ज्यादातर मरीज अल्सर और लिवर की बीमारी से पीड़ित थे। हमने उन्हें अवैध शराब पीने, सिगरेट पीने और दूषित पानी पीने से बचने की सलाह दी है। हालांकि, शनिवार को सामने आए डॉ किसांडू के बयान के बाद देश की स्वास्थ्य मंत्री डोरोथी ग्वाजिका ने सोमवार को उनके निलंबन का आदेश दे दिया। मंत्री का कहना है कि मेडिकल एक्सपर्ट के बयान की वजह से स्थानीय लोगों में ‘अनावश्यक दहशत’ पैदा हुई है। उन्होंने ऑर्डर देते हुए कहा, ”लोगों के बीच अनावश्यक रूप से घबराहट पैदा करने के लिए, मैं डॉ. फेलिस्टा किसांडू के इम्प्लोयर को उन्हें सस्पेंड करने और दस दिनों में जांच की रिपोर्ट मुझे सौंपने का आदेश देती हूं।”
तंजानिया में तीन साल पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे लक्षण
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि साल 2018 में भी कुछ लोगों में इस तरह के लक्षण सामने आ चुके हैं। उस वक्त कई मरीजों में तेज बुखार, मतली और उल्टी की शिकायत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से शांत रहने का आग्रह किया और जल्द ही और इस पर और अपडेट देने का वादा किया। बता दें कि यह बीमारी तब सामने आई है, जब कुछ समय पहले देश के राष्ट्रपति जॉन मैगुफुली ने दावा किया था कि प्रार्थना की शक्ति ने तंजानिया में कोरोना वायरस फैलने से रोक दिया। उन्होंने वायरस के डाटा के अपडेट पर भी रोक लगा दी थी और फिर उसके छह हफ्ते बाद, 9 जनवरी को बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था, ”भगवान की शक्तियों की वजह से हमारे देश से कोरोना खत्म हो गया है।” इसके अलावा, तंजानिया के रहने वाले लोगों को कहा गया है कि कोरोना से लड़ाई के लिए वे हर्बल उपचार के साथ अपनी इम्युनिटी को भी बढ़ाएं।